8 फरवरी, बुधवार से फाल्गुन का महीना शुरू हो गया है। रंगों और मस्ती का यह महीना हमें बहुत कुछ सीखाता है। फाल्गुन हिंदू विक्रम संवत का आखिरी महीना होता है। इस कारण इस पूरे महीने में रंगों की धूम और मस्ती होती है। इस महीने में धरती भी रंगीन हो जाती है। टेसू के फूलों से वादियां केसरिया हो जाती हैं। केसरिया रंग भी सम्पन्नता और उत्सव का प्रतीक है। प्रकृति खुद आमंत्रण देती है कि पूरे दिल से आप इस उत्सव के रंगों में डूब जाएं।
इस बार फाल्गुन का महीना 8 फरवरी से 8 मार्च तक रहेगा। 8 मार्च को होली पर्व के साथ इस महीने का समापन होगा और फिर कुछ दिनों बाद शुरू होगा विक्रम संवत का नया वर्ष। हिंदू समाज में इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। वैष्णव मंदिरों में फाग उत्सव शुरू भी हो गया है। यह उत्सव का महीना है। एक तरह से इस हिंदू वर्ष के उत्सवों का समापन है। नए वर्ष में फिर उत्सव शृंखला शुरू होगी रक्षाबंधन से।
हिंदू धर्म की परंपरा उत्सव प्रमुख रही है। हमारे वर्ष भर तरह-तरह के उत्सव मनाए जाते हैं। उसी उत्सव शृंखला का समापन होली से होता है। यह साल की विदाई का त्योहार भी है इसलिए रंगों के साथ मनाया जाता है ताकि आने वाला नया साल भी रंगों और खुशियों से भरा हो।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 फ़रवरी 2012
फाल्गुन में रंग जाएं प्रकृति के रंगों में
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)