इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय के उप सचिव एसके सोलंकी तथा प्रमुख गृह सचिव जीएस संधू के वरिष्ठ निजी सहायक सुरेश सैनी को एपीओ किया गया है। गृह विभाग के सेक्शन ऑफिसर जगदीप सिंह कुशवाह को 17 सीसी की चार्जशीट देने का फैसला किया गया है। उधर, एसीबी ने धारीवाल के खिलाफ जांच को बंद कर दिया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडीजी अजीत सिंह ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ किसी भी तरह की जांच विचाराधीन होने से इंकार किया है। एडीजी ने बताया कि धारीवाल के खिलाफ नियम विरुद्ध निर्माण कार्य कराने की शिकायत मिली थी।
जो जांच में गलत निकली। जिस बिल्डिंग के निर्माण के बारे में गलत अनुमति देने की शिकायत की गई थी, उसकी अनुमति वर्ष 2008 में दी गई थी। तब धारीवाल मंत्री नहीं थे। इस तरह उन पर कोई मामला नहीं बनता है।
उल्लेखनीय है कि धारीवाल और नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों के खिलाफ पिछले दिनों मुख्यमंत्री कार्यालय को एक गुमनाम शिकायत मिली थी। बिना हस्ताक्षर वाले इस पत्र के बिंदु संख्या 8 में निर्माण की अनुमति दिए जाने में धारीवाल और विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार करने का संदेह व्यक्त किया गया था।
गृह विभाग के उप सचिव अकील अहमद ने बिंदु संख्या 8 की ही जांच के लिए यह पत्र एसीबी को भिजवा दिया था। इस पर धारीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर आपत्ति जताई और इसे गंभीर लापरवाही बताकर संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
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