
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियां होती हैं। प्रत्येक एकादशी का अपना एक अलग महत्व है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। यह एकादशी अपने अपने नाम के अनुसार ही विजय प्रदान करने वाली है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस बार विजया एकादशी व्रत 17 फरवरी, शुक्रवार को है।
भयंकर शत्रुओं से जब आप घिरे हों और पराजय सामने खड़ी हो उस विकट स्थिति में विजया नामक एकादशी आपको विजय दिलाने की क्षमता रखती है। इस एकादशी के संबंध में पद्म पुराण और स्कन्द पुराण मे अति सुन्दर वर्णन मिलता है । इस एकादशी के संबंध में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अर्जुन को बताया था। शास्त्रों के अनुसार जब भगवान राम माता सीता की खोज में लंका जा रहे थे तभी मार्ग में सागर के आ जाने के कारण समस्या आ खड़ी हुई। तब भगवान राम सहित पूरी सेना ने विजया एकादशी का व्रत किया था। उसी व्रत के फलस्वरूप उन्होंने सागर पर पुल बनाया और रावण का वध किया।
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