मंगलवार को अदालत ने इस मामले में हरियाणा सरकार के वकील व समलैंगिक विवाह की वैधता पर एमिक्स क्यूरी (अदालत के सहयोगी) नियुक्त वकील से पूछा कि इससे पहले यदि इस तरह के मामले हुए हैं तो उन पर क्या किया गया। समय दिए जाने की मांग पर अदालत ने छह सप्ताह का समय दिया है। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है जब अदालत समलैंगिक विवाह को हिंदू मैरिज एक्ट के परिप्रेक्ष्य में सुन रही है।
इस मामले पर वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत के सहयोगी होने के नाते अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि दो महिलाओं की आपस में शादी को कानूनी मान्यता नहीं है।
अम्बाला पुलिस ने कहा कि यदि इस तरह की शादियों को मान्यता मिलेगी तो समाज में अनैतिकता फैल जाएगी। उधर, दोनों महिलाओं ने कहा कि उन्हें जान का खतरा है इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए।
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