रायपुर। सीरियल किलर अरुण उर्फ तोरण चंद्राकर पूरी प्लानिंग के साथ हत्याएं करता था। अभी तक की पड़ताल से पता चला है कि वह बड़े इत्मीनान से जिंदा लोगों को दफनाता था। ऐसा करते वक्त उसके हाथ नहीं कांपे। पुलिस के आला अफसरों के अनुसार वह कोल्ड ब्लडेड मर्डरर यानी ठंडे दिमाग से खून करने वाला किलर है।
अरुण ने सारी हत्याएं योजनाबद्ध तरीके से कीं। पत्नी की हत्या करने के पहले उसने अपनी बेटी को घर से थोड़ी दूर रहने वाली उसकी नानी के घर भेज दिया। बाद में पत्नी को भोजन दिया, जिसमें उसने सुअर को बेहोश करने वाली दवा मिला दी थी। उसने सूअर पाले थे। उसे अच्छी तरह मालूम था कि कितनी दवा की मात्रा से बेहोश किया जा सकता है।
वह घर के एक हिस्से पहले से गड्ढा खोदकर रखता था। बेहोश होने के बाद एक बोरी में बंद करने के बाद गड्ढ़े में गाड़ दिया करता था। वह जिस कमरे में दफन करता था, वह हिस्सा घर के अंतिम छोर में है। इस कमरे में ज्यादातर कोई नहीं आता था। दिन में अरुण की पत्नी के सारे रिश्तेदार काम पर चले जाते थे, इस वजह से किसी को खबर नहीं होती थी कि वह कब गड्ढा खोदता था। वह पुलिस के सामने बड़े सहज भाव से यह स्वीकार रहा है कि उसने हत्या की है। उसे किसी का भी कत्ल करते समय घबराहट नहीं हुई।
दिमागी जांच करायी जाएगी : अरुण की दिमागी हालत की जांच के लिए पुलिस मनोचिकित्सक से उसका परीक्षण करवाएगी। जरूरत पड़ने पर अरुण का नारको टेस्ट भी करवाया जा सकता है। ऐसी आशंका है कि वह कई मामलों को छिपा सकता है। वह बेहद शातिर और संयम रखने वाला किलर है। उसे पुलिस की कार्रवाई का भी डर नहीं।
कुकुरबेड़ा स्थित घटनास्थल पर जांच के दौरान जमा लोगों की भीड़। खुलासे से बिफरी लिली की मां अनसुइया अरुण को वहीं फांसी पर चढ़ाने की मांग करने लगी। भीड़ के साथ हो जाने से मोहल्ले में कुछ देर के लिए तनाव फैल गया। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला।
यह गंभीर प्रकृति का अपराध है। केस को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। पूछताछ के दौरान कुछ और हत्याओं का खुलासा हो सकता है। कंकाल की मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट से जांच हो रही है। देर रात मनोचिकित्सक के जरिए पूछताछ की गई। मेंटल लेवल भी चेक किया जा रहा है।
दिपांशु काबरा, एसएसपी
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