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26 जनवरी 2012

मतदाता और सांसद विधायकों के लियें वोट डालने की अनिवार्यता कानून की आवश्यकता

विश्व के सबसे बढ़े लोकतंत्र भारत में इन दिनों भजपा के नेता लालकृष्ण अडवानी ने राजनीति और उम्र के आखरी पढाव में आकर जो समझा वोह यह है के देश में सभी को वोट डालने के लियें पाबंदी का कानून बनना चाहिए ..यह सही है के लाल कृष्ण आडवाणी को सत्ता से लेकर विरोध में रहने के कारण राजनीती के कटु और व्यवहारिक अनुभव है उन्होंने रूपये लेकर सांसदों को वोट डालते देखा है तो ...अडवानी ने एक कडवा सच रूपये लेकर सांसदों और विधायकों को किसी भी बिल के पारित होने और किसी भी सरकार को बचाने के लियें सदन से बिना वोट डाले बाहर जाते देखा है बात सही है देश में सही निर्वाचन और भ्रष्टाचार की समाप्ति के लियें पहला कदम देश में सभी लोगों के लियें वोट डालना जरूरी करना होगा ..विश्व के कई राष्ट्रों में मतदान नहीं करने वाले लोगों को दंड देने का प्रावधान है उन्हें सरकारी सुविधाएँ नहीं दी जाती है ,,हमारे देश में यह व्यवस्था इसलियें भी और ज़रूरी हो जाती है के यहाँ वोटों का प्रतिशत हमेशा कम रहता है और इस कम प्रतिशतता के कारण ही हमारे देश में अन चाहे लोग निर्वाचित होकर आ रहे है जो लोग सरकार को पसंद नहीं करते वोह वोट डालने नहीं जाते और जो वोट डालने जाते है वोह पार्टी या बाहुबलियों से प्रभावित होकर बिना किसी राष्ट्रीय सोच के वोट डाल देते है कथित रूप से निर्दलियों को खड़ा कर वोटों की गणित बिगाड़ कर भी अनचाहे प्र्त्याक्शियों को निर्वाचित किया जाता है और फिर यह अनचाहा निर्वाचित प्रतिनिधि खरीद फरोख्त की राजनीती के बाद उस पार्टी की सरकार बनवा देता है जिसे उसके मतदाता पसंद नहीं करते ...तो जनाब यह तो सही है के मतदान एक लोकतंत्र का ऐसा उत्सव है के इस दिन सभी लोगों को डंडे के बल पर घर से बाहर निकाल कर मतदान स्थल तक बुलाना चाहिए फिर वोह वोट किसे भी डालें वोह प्र्त्याक्शियों को नापसंद करने की टिपण्णी डाले लेकिन उनका वोट जरुर डले ....सही लोकतंत्र इन हालातों में ही जिंदा रह सकेगा .इतना ही नहीं सांसदों और विधायकों..राज्यसभा सदस्यों को भी सदन में आवश्यक रूप से उपथित रहने और हर मामले में वोट डालने की अनिवार्यता का कानून होना चाहिए और इसके उलंग्घन पर उनकी सदस्यता बर्खास्त करने के प्रावधान होने चाहिए ..लेकिन दोस्तों अगर ऐसा कहा तो सांसद लोग गुंडागर्दी पर उतर आयेंगे और अन्ना को दी गयी धमकी की तरह भगा भगा कर घरों में घुस कर मारने पीटने की धमकियां देंगे क्योंकि देश में अभी लोक्न्त्र नहीं गुंडा तन्त्र और भ्रस्ठ तन्त्र ही हावी है ....... ॥ देश में मनमोहन सिंह जी का नाम असम की मतदाता सूचि में है लेकिन उन्हने वोट नहीं डाला अब एक प्रधानमन्त्री और उनकी पत्नी अगर ऐसी उपेक्षा करें तो लोकतंत्र का क्या होगा ..राजस्थान में केन्द्रीय मंत्री सी पी जोशी विधानसभा में एक वोट से हारे थे और यहाँ उनकी पत्नी खुद अपना वोट डालने नहीं गयी थीं अगर वोह वोट डाल देतीं तो शायद सी पी जोशी जो एक वोट से हारे है आज चुनाव जीत जाते और मुख्यमंत्री भी बन जाते लेकिन एक वोट की कीमत इस लोकतंत्र में केसी है यह कई बार जान्ने का अवसर मिला है ........... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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