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20 जनवरी 2012

चार साहित्यकारों ने पढ़ दिए सैटेनिक वर्सेस के अंश!..क्या अब इन लोगों को सजा मिलेगी

जयपुर। विवादास्पद पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेस' के लेखक सलमान रश्दी जयपुर में आज से शुरू हुए साहित्य समारोह में भले ही हिस्सा न ले पाए हों, लेकिन प्रतिबंध के बावजूद उनकी किताब के कुछ अंश समारोह में पढ़े गए। रश्दी के समर्थन में एक-दो नहीं बल्कि एक के बाद एक कुल चार साहित्यकारों ने सैटेनिक वर्सेस के अंश पढ़कर सनसनी फैला दी। आयोजकों को उन्हें रोकने में खासी मशक्कत करनी पड़ी और अब ये मामला पुलिस तक भी पहुंच गया है। प्रतिबंधित पुस्तक का उलन्न्घं करने वालों को राजस्थान सरकार क्या सजा देती है यह तो वक्त ही बतायेगा ..

सलमान रश्दी ने अपनी जान को खतरे की आशंका के मद्देनजर साहित्य सम्मेलन में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया और इस बारे में आयोजकों को पत्र लिखकर सूचित किया। रश्दी का लिखित संदेश आयोजकों ने समारोह में पढ़कर सुनाया। लेकिन समारोह में तब हंगामा खड़ा हो गया जब जाने माने साहित्यकार हरी कुंजरू और अमिताव कुमार ने सबको चौंकाते हुए रश्दी की प्रतिबंधित किताब के कुछ हिस्से समारोह में पढ़ दिए।

चार साहित्यकारों ने पढ़ दिए सैटेनिक वर्सेस के अंश!

बाद में आयोजकों ने इन्हें उपन्यास की लाइनें पढ़ने से मना कर दिया। लेकिन इन साहित्यकारों का कहना था कि ये उनका विरोध करने का तरीका है। मामला तब और बढ़ गया जब दो और साहित्यकारों रुचिर जोशी और जीत तायिल ने भी अपनी बारी आने पर सैटेनिक वर्सेस की लाइनें पढ़ दीं। गौरतलब है कि भारत में इस उपन्यास पर 1988 से ही पाबंदी लगाई हुई है। खबर मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। वो समारोह के वीडियो फुटेज देखने के बाद कार्रवाई की बात कह रही है। कई मुस्लिम संगठनों ने मौके पर जाकर विरोध प्रदर्शन किया है।

हमारे देश में दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत जिस पुस्तक के विक्रय..पढने या प्रचार पर पाबंदी लगा दी जाती है और फिर उस पुस्तक के अंशों को पढ़ कर उसके प्रचार करने का प्रयास किया जाता है तो ऐसे लोग देश के कानून का उलंग्घन करते है हमारे कोटा के कुछ मुस्लिम समाज से जुड़े पत्रकार इस मामले में मध्य प्रदेश की जेल में सजा भुगत चुके है और अभी भी उनके सर पर तलवार लटकी है क्या राजस्थान में कानून तोड़ने वाले इन साहित्यकारों के नाम पर अपराध की नियत से देश तोड़ने और दंगा फसाद करवाने की साज़िश रचने वाले कथित विदेशी एजेंटों को गिरफ्तार कर सजा दी जायेगी अगर ऐसा नहीं होता है तो राजस्थान सरकार पक्षपात के घेरे में आजायेगी ..................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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