जयपुर. यहां चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में सलमान रुश्दी की विवादित किताब पर बवाल हो गया है। दो साहित्यकारों को ‘द सैटेनिक वर्सेज’ के कुछ अंश पढ़ने से रोका गया है।
जयपुर दरबार हॉल में शाम सवा पांच बजे यह वाकया तब हुआ जब अमिताव कुमार और हरि कुंजरू नामक दो एनआरआई साहित्यकार रुश्दी की विवादित किताब के कुछ अंश पढ़ने शुरू किए।
इन दोनों लेखकों की यह योजना पहले से ही थी। इन्होंने ट्विट कर इसकी जानकारी दी। रुश्दी ने ट्विट कर अमिताव और कुंजरू को धन्यवाद दिया है।
बताया जा रहा है कि ये साहित्यकार रुश्दी की यात्रा के हो रहे विरोध के खिलाफ उनकी यह विवादित किताब पढ़ना चाहते थे। जब इन साहित्यकारों से किताब के कुछ अंश पढ़ने शुरू किए तो कार्यक्रम के आयोजक संजय रॉय ने उन्हें पढ़ने से मना कर दिया। उनका तर्क था कि चूंकि सलमान रुश्दी का जिस तरह भारत में विरोध हो रहा है, उसे देखते हुए विवादित किताब के अंश पढ़ना ठीक नहीं है।
भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक रुश्दी की यह किताब 1987 में छपी थी लेकिन भारत में इस किताब पर 1988 से ही पाबंदी है। जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल शुरू हो गया है। इसमें सलमान रुश्दी आएंगे या नहीं, इसे लेकर आयोजकों ने आखिरकार सस्पेंस खत्म कर दिया है। शुक्रवार दोपहर उनकी ओर से बयान जारी कर कह दिया गया कि रुश्दी नहीं आ रहे हैं। मुस्लिम उनके आने पर विरोध करने पर आमादा थे। एक मुस्लिम संगठन का कहना था कि अगर वह भारत आए तो उनका स्वागत जूतों से किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने रुश्दी प्रकरण में कुछ भी कदम उठाने से इनकार कर दिया है और राज्य सरकार को मौके की नजाकत समझते हुए निर्णय करने को कहा। राज्य और केंद्र सरकार की गुप्तचर एजेंसियों के अधिकारी इस मामले को लेकर सक्रिय रहीं। गुरुवार को राजस्थान के मुख्य सचिव एस. अहमद ने इस मामले में प्रमुख गृह सचिव जीएस संधु और एडीजी कानून और व्यवस्था तथा जयपुर कमिश्नर बीएल सोनी के साथ एहतियाती कदम उठाने के लिए बैठक की।
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशवरात के प्रमुख डॉ. जफारुल इस्लाम खान ने एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि रुदी भारत आए तो उनका स्वागत जूतों से किया जाएगा। उनसे पूछा गया कि तस्लीमा नसरीन पर हैदराबाद में मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन के सदस्यों ने हमला बोला था, तो क्या आपकी राय में रुश्दी के साथ भी भारत में वैसा ही सुलूक होगा खान ने जवाब दिया, 'लोगों को अगर रुश्दी मिल जाएं तो वे जूते मार कर उनका विरोध करेंगे। अल्लाह की निंदा करने वालों को ऐसे स्वागत के लिए तैयार रहना चाहिए।' हालांकि रुश्दी को लेकर मुस्लिम संगठनों ने अब जयपुर में विरोध प्रदर्शन नहीं करने का फैसला किया है। रुश्दी के नहीं आने के आश्वासन के बाद ऐसा किया गया। इससे पहले राजस्थान के विभिन्न मुस्लिम फोरम की गुरुवार को दो बार संयुक्त बैठक हुई। इनमें तय किया गया था कि जुमे की नमाज के दौरान रुश्दी के विरोध की रणनीति तय कर विरोध की घोषणा करेंगे।
इसके बाद जयपुर सांसद महेश जोशी संगठन पदाधिकारियों से मिले और समझाइश की। फेस्टिवल आयोजकों ने भी मुस्लिम नेताओं से बात की। मुस्लिम फोरम से जुड़े हबीब गारनेट ने बताया कि पुलिस कमिश्नर बीएल सोनी द्वारा रुश्दी के नहीं आने के बारे में आश्वस्त किए जाने के बाद फैसला किया गया है कि अब किसी प्रकार का विरोध नहीं किया जाएगा।
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