गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा की जाती है। मां दुर्गा सभी दु:खों को हरने वाली है। वे अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती तथा उनकी हर मनोकामना पूरी करती है। इतना ही नहीं दुर्गा मां का नाम लेने से ही सारे कष्टों का निवारण स्वत: ही हो जाता है। देवीपुराण में दुर्गा शब्द का व्यापक अर्थ बताया गया है उसके अनुसार-
दैत्यनाशार्थवचनो दकार: परिकीर्तित:।
उकारो विघ्ननाशस्य वाचको वेदसम्मत:।।
रेफो रोगघ्नवचनो गच्छ पापघ्नवाचक:।
भयशत्रुघ्नवचनश्चाकार: परिकीर्तित:।।
इस श्लोक के अनुसार दुर्गा शब्द में द अक्षर दैत्यनाशक, उ अक्षर विघ्ननाशक, रेफ रोगनाशक, ग कार पापनाशक तथा आ कार शत्रुनाशक है। इसीलिए मां दुर्गा को दुर्गतिनाशिनी भी कहते है। जो भी मां दुर्गा की सच्चे मन से भक्ति करता है माता उसके सभी दु:ख दूर कर उसे अपनी शरण में ले लेती हैं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 जनवरी 2012
जानें, क्या है दुर्गा शब्द का अर्थ?
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