ज्ञान की देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र, स्तुति आदि की रचना की गई है। उन्हीं में से एक हैं मां सरस्वती की द्वादश नामावली स्तुति। यह स्तुति सुविख्यात है। दिन की तीन संध्याओं में इनका पाठ करने से भगवती सरस्वती अति प्रसन्न होती है तथा भक्त की हर मनोकामना पूरी करती है।
द्वादश नामावली
प्रथम भारती नाम द्वितीयं सरस्वती।
तृतीयं शारदा देवी चतुर्थं हंसवाहिनी।।
पंचमं जगती ख्याता षष्ठं वागीश्वरी तथा।
सप्तमं कुमुदी प्रोक्ता अष्टमं ब्रह्मचारिणी।
नवमं बुद्धिदात्री च दशमं वरदायिनी।
एकादशं चंद्रकान्तिद्र्वादशं भुवनेश्वरी।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसन्ध्यं च: पठेन्नर:।
जिह्वाग्रे वसते नित्यं ब्रह्मरूपा सरस्वती।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 जनवरी 2012
वसंत पंचमी: मां सरस्वती को प्रिय है यह स्तुति
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उम्दा प्रस्तुति…………बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर,सार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंऋतुराज वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।