ग्रामीण अंचलों की समस्याएं खासकर आदिवासियों व नक्सलवाद पर लिखी गई अनेक खबरें गावंडे की विशेषता रही है। कोर्ट की एक तारीख लेने के लिए आदिवासियों को 600 रुपए देने पड़ते हैं। उनकी इस खबर को बांबे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया था। अहेरी का न्यायालय और मां के इलाज के लिए एक मासूम लड़की द्वारा भीख मांगने जैसी कई खबरों को लेकर राज्य सरकार ने हस्तक्षेप किया था।
उन्होंने आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जैसे नक्सल प्रभावित राज्यों का दौरा किया। उन्होंने नक्सलवाद पर एक पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक को लिखने के लिए उन्हें ठाणोदार फाउंडेशन की ओर से मदद राशि दी गई थी। इस पुस्तक को लेकर राज्य में कई परिसंवाद आयोजित हो चुके हैं।
उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक के आधार पर दूरदर्शन के सह्याद्री चैनल पर एक सीरियल भी प्रसारित हो चुका है। श्री गावंडे को अभी तक मुंबई मराठी पत्रकार संघ की ओर से डा. ना. भि. परुलेकर, राज्य सरकार की ओर से ग. माडखोलकर, नागपुर की युगांतर शैक्षणिक संस्था की ओर से उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
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