सलमान रुश्दी और उसकी किताब जयपुर फेस्टिवेल में डंके की चोट पर लाकर पढने वाले अभी तक अगर राजस्थान पुलिस की गिरफ्त से बाहर है तो इससे ज्यादा शर्म की बात विश्व में कहीं नहीं हो सकती है ..अगर ऐसे अपराधी लोग राजस्थान की संस्क्रती का मुंह चिड़ा रहे है तो हमारे राजस्थान के पत्रकारों ..साहित्यकारों ..पुलिस ..प्रशासन ..सरकार पक्ष ..विपक्ष और मुसलमानों तथा धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लियें .चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात है ..में जनता हूँ मेरी यह बात मुस्लिमों की भावना से जुडी है इसलियें हो सकता है कुछ लोग इसे कट्टरपंथी कहें लेकिन कानून की हदों में रहकर अगर हम हमारे समाज के लियें कानूनी हक की बात करते है तो लोगों को हमारे बारे में भी सोचना चाहिए और निष्पक्ष होकर हमारी मदद करना चाहिए ...कहते है के जहाँ भगवान और इंसाफ नहीं होता जहां खुदा के प्रति विश्वास नहीं होता ..जहाँ सिर्फ धोखा ही धोखा होता है वहां इंसान नहीं शेतान ही शेतान होता है और यह सब देखने को मिल रहा हिया जयपुर के कथित फेस्टिवल में जहाँ कहने को तो साहित्यकारों को इकठ्ठा किया गया है लेकिन सभी घसियारे से लगते है ..अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग अलापने वाले यह लोग जो देश की सच्ची तस्वीर देश की भूख .देश की गरीबी ..देश की भुखमरी ..देश का भ्रष्टाचार ..देश की न्यायिक व्यवस्था ..दश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और नोकरशाही ..चुनावी स्टाइल पर सच नहीं कह सके वोह साहित्यकार लानत है उन पर चमचे और चापलूस विवादित बातें कह कर लाखों करोड़ों रुपया कमा कर पेट पालने का साधन बनाने वाले लोग साहित्य को बेच रहे है देश के साथ सोदेबाज़ी कर रहे है और जनता के दिलों में जहर घोल रहे है ..जो लोग देश के कानून देश के संविधान देश की मर्यादाओं और देश की जनता की भावना का आदर नहीं कर सकते ऐसे लोग साहित्यकार नहीं गद्दार है ..इन्सान नहीं शेतान है और ऐसे ही शेतान जब खतरनाक शेतान सलमान रुश्दी को देश में बुलाने में नाकामयाब रहे तो इन जनाब ने साहित्य सम्मेलन को मेला धोने वालों और अपराधियों का सम्मेलन बना दिया वोह कहते है के सलमान रुश्दी कोनहीं बुलाना साहित्यकारों का अपमान है वोह कहते है के उनकी किताब हिदुस्तान में बेन है लेकिन उनकी किताब साथ लाये भी है और पढ़ेंगे भी जनाब वोह ऐसा कह सकते है क्योंकि वोह जानते है के देश में और खासकर इस पंगु सरकार में मुसलमानों के लियें चाहे जो कह दो चाहे जो लिख दो उनकी भावनाओं के साथ चाहे जेसा खिलवाड़ कर लो उनका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है क्योंकि यह समाज आज बिना नेत्रत्व वाला भटका हुआ समाज है इस समाज ने कभी भी एक जुट होकर दोषी को सजा नहीं दिलवाई है यह तो बस शिया सुन्नी ..कोंग्रेस भाजपा ...सुन्नी तबलीगी ...उच्च वर्ग नीच वर्ग में बंट कर रह गया है और आपस में ही लड लड कर मर रहा है इसे किस दुश्मन की जरूरत नहीं खुद समाज खुद का दुश्मन है ..खेर समाज तो बिखर गया है लेकिन देश और देश के कानून की रक्षा करना तो देश की सरकार और अधिकारीयों का कर्तव्य है ताज्जुब तो इस बात पर है के डंके की चोट पर सलमान रुश्दी की किताब को लाने और उसे पढने वालों के खिलाफ इस पंगु सरकार ने अभी तक उन्हें गिरफ्तार करने और मुकदमा दर्ज करने की कोई कार्यवाही नहीं की है इससे ज्यादा शर्म की बात इस सरकार और इस सरकार के पिच्छ लग्गू वाटर मुसलमानों के लियें क्या हो सकी है सिर्फ शर्म करने से काम नहीं चलेगा चुल्लू भर पानी में डूब मरने से काम नहीं चलेगा देश चलाना है देश बचाना है तो कानून का राज स्थापित करना होगा और दोषी चाहे कोई भी हो छोटा हो बढ़ा हो .देश हो विदेशी हो हिन्दू हो मुस्लिम हो जहां भी हो उसे वहां से पकड़ कर देश के कानून के तहत सज़ा नहीं देंगे तो हमारा देश बिखर जाएगा टूट जायेगा और कुछ ताकते बस यही चाहती है इसलियें जो कुछ निष्पक्ष पत्रकार और साहित्यकार है उठे कलम उठाये ..नेता आवाज़ उठायें और दोहरी चालों को खत्म करवाए दोषी लोगों को दंडित करवाएं देश बचाएं देश को विकसित करवाएं ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में डिग्गी पैलेस में सांस्कृतिक संध्या के दौरान राजस्थानी लोक धुनों पर चरी नृत्य की प्रस्तुति। देर रात तक चले इस आयोजन में राज्य के विभिन्न स्थानों से आए लोक कलाकारों ने राजस्थानी साजों पर अपनी प्रस्तुति दी।
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