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17 जनवरी 2012

सलमान रुश्दी के बच्चों और पत्नी का कहना है के यह पड़ोसी की ओलाद हैं

राजस्थान के पुस्तक मेले में अगले कल से सलमान रुश्दी के आने के मामले को लेकर राजनीती गरमा गयी है सभी जानते है के यह मेरा भारत महान है यहाँ कानून है यहाँ संविधान है कोई जंगल राज नहीं जो कोई भी किसी भी धर्म जाती का अपमान करता रहे और एक आज़ाद नागरिक की तरह घूमता रहे ऐसे लोगों को हमारे देश में पागल कुत्ता कहा जाता है और उसके काटने से बीमारी ना फ़ले इसलियें उन्हें या तो जेल भेज दिया जाता है या फिर दोडा दोडा कर मारा जाता है ..आज सलमान रुश्दी की भारत में आने की पेरवी करने वाले सभी लोग जानते है के हिदू धर्म की देवी देवताओं की अभद्र तस्वीरें मोडर्न आर्ट के नाम पर बनाने वाले प्रसिद्ध चित्रकार मकबूल फ़िदा हुसेन का हाल क्या हुआ आखरी वक्त आखरी लम्हे में उन्हें डर और खोफ के मरे विदेश में जाकर रहना पढ़ा हालात यह रहे के मरने के बाद भी उन्हें दो गज ज़मीं नहीं मिली कुचे यार में ..दोस्तों आप खुद ही बताओ में अगर आपके भगवान को गाली दूँ ..आप मेरे अल्लाह को गाली दो तो क्या हमारे में प्यार बरकरार रह सकता है ..इस देश में एक कानून है एक संविधान है यहाँ वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता है तो किसी धर्म जाती को अपमान करने वाले को जेल भेजने का प्रावधान भी है जो किताब दंड प्रक्रिया संहिता के तहत पाबन्द कर दी गयी है उस किताब को बेचना तो दूर की बात उसे रखना भी अपराध है .... दोस्तों कोटा में हमारे एक जानकार पत्रकार ने उनकी मैगज़ीन में महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश की एक पुस्तक की कतरन जिसमे राम और सीता माता के लियें अश्लील और अभद्र बातें लिखी थी प्रकाशित की थी वोह कई साल हो गये आज भी जेल में है उन्हें आतंकवादी बताया गया है और अपने इस अपराध के लियें सिसक रहे है बात सही भी है किसी भी धर्म को अपमानित करने का किसी भी व्यक्ति को कोई हक नहीं दिया जा सकता कथित रूप से जो लोग बोलने और लिखने की स्वतन्त्रता के अलमबरदार बने है जरा पूंछिये उनसे अगर में या आप उनके माता पिता को चोर बेईमान गद्दार या आवारा बदमाश कहें तो उन्हें फर्क क्यूँ पढ़ता है जबकि वोह तो बोलने और लिखने की स्वतन्त्रता के अलमबरदार है जनाब कहना और बात है सुनना और समझना बर्दाश्त करना और बात है इसलियें दोहरे किरदार के लोग इस देश को बर्बाद करने में लगे हैं दुसरे व्यक्ति या दुसरे के धर्म के साथ हो तो मजे लेते है सियासत करते हैं और खुद के साथ या खुद के धर्म के साथ हो तो अपराधी को फांसी की सजा की मांग करते है ......................दोस्तों सलमान रुश्दी कोई बहुत बढ़ी चीज़ नहीं है एक पागल व्यक्ति है जो दूसरों को गाली लिख कर खुद को प्रचारित करवाता है लोग कहते है के उसके पिता जब बाहर चले जाते थे तब एक पड़ोसी उनकी मान के पास आते थे और यह उन्ही की सन्तान है धर्म और इमां के हिसाब से यह अवेध सन्तान है और इनकी हरकते तो हरामी वाली होंगी ही सही ऐसा में नहीं कहता खुद उनकी पत्नी बच्चे जो उन्हें छोड़ कर चले गये वोह लोग कहते है तो दोस्तों सलमान रुश्दी तो पड़ोसी अंकल की ओलाद है उनकी इस तरह की हरकतें तो समझ में आती है लेकिन हमारा भारतीय कोई अगर ऐसी हरकत करे या ऐसी हरकत का समर्थन करे तो फिर जनाब ऐसे लोगों को हम क्या पड़ोसी की ओलाद कहें ......सलमान पर भारत में कोंग्रेस और भाजपा की राजनीती शुरू हो गयी है भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अमीन पठान ने जब सलमान का विरोध किया तो भाजपा पहले तो सकते में आगयी लेकिन फिर उल जलूल बयानों पर आ गयी है कोंग्रेस का तो कहना ही क्या वोह तो राजनीति की बिसात बिछाने लगी है एक प्रतिबंधित किताब को वितरित करवाना और अपराधी व्यक्ति को देश में निमंत्रित कर देश के हालातों को बिगाड़ने का प्रयास करना अपने आप में एक खतरनाक अपराध है जिन लोगों को सरकार को जेल भेजना चाहिए सरकार उनसे प्रार्थना कर रही है सरकार के पास कानून है डंडा है सलमान रुश्दी को देश में बुलाये और फिर गिरफ्तार कर जेल भेजे तब कहीं वोह इमानदार कहलाएगी क्योंकि यह अपराध देश के विधि विधान के खिलाफ है लेकिन कोंग्रेस और कोंग्रेस की केंद्र और राज्य की सरकार इस मामले में शतरंज की बिसात बिछा कर राजनीति खेल रही है ताज्जुब तो इस बात पर है जो लोग कोंग्रेस के टुकड़ों पर पल रहे है जो लोग कंग्रेस के तलवे चाट रहे हैं उन मुसलमानों के दिल भी सियाह हो गये है उनके विचार भी सलमान रुश्दी की तरह बन गये है और इसीलियें इतनी भयकंर समस्या पर भी वोह कोंग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से दो टुक बात नहीं कर पा रहे है ... इसीलियें तो कहते है के सियासत दुःख तकलीफ या समस्या हो उसका समाधान नहीं करती बलके इन मुद्दों पर नफा नुकसान देख कर सियासत सिर्फ सियासत करती है दोस्तों वेसे तो इस्लाम का नियम और सिद्धांत है के हुकुमत में रहकर इस्लामविरोधी क्र्त्यों को देख कर खामोश रहे या फिर सरकार या उस पार्टी के समर्थक बने रहे तो ऐसे मुसलमान मुसलमान नहीं शेतान कहलाते है और हमारे देश में इन शेतानों की कमी नहीं है ग़ालिब एक तलाशो हजार मिलते है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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