शिकागो. केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने चेतावनी देते हुए आज कहा कि अमेरिका में आउटसोर्सिंग बंद होने से अमेरिका और भारत दोनों को घाटा होगा। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी कंपनियों को आउटसोर्सिंग करने से रोका जाएगा तो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। प्रणब मुखर्जी ने अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों को लेकर चिंता जाहिर की।
अमेरिका के दो दिनों के दौरे के आखिरी दिन मुखर्जी ने कहा कि सभी देश इस बात के लिए आज़ाद हैं कि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से नीतियां बनाएं, लेकिन ये नीतियां 'संरक्षणवाद' को बढ़ावा देने वाली नहीं होनी चाहिए। मुखर्जी ने इस बात पर भी जोर दिया कि विश्व व्यापार संगठन इस कोशिश में लगा हुआ है कि पूरी दुनिया में आसानी से एक जगह से दूसरी जगह वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध कराया जाए। मुखर्जी ने कहा, 'टैरिफ और नॉन टैरिफ बाधाओं को दूर करके वस्तुओं और सेवाओं के आयात-निर्यात को आसान बनाना चाहिए। इस नीति ने अच्छे नतीजे दिए हैं।'
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी संरक्षणवादी नीतियों पर जोर देते हुए कुछ दिनों पहले घोषणा की थी, 'उन कंपनियों को कर में छूट दी जाएगी जो अमेरिकी लोगों को नौकरियां देंगी, लेकिन जो कंपनियां आउटसोर्स कर रही हैं, उन्हें ज़्यादा कर चुकाना होगा।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 जनवरी 2012
आउटसोर्सिंग: प्रणब की अमेरिका को चेतावनी
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