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23 जनवरी 2012

इंडियन हसबैंड का दिमाग तो उनके पेट में होता है'


दुनिया के सारे हसबैंड एक जैसे होते हैं और इंडियन हसबैंड का तो कहना ही क्या, पता है क्यों? क्योंकि उसका दिमाग तो उसके पेट में होता है अगर बीवी से खाना खराब बन गया तो उसका मूड खराब और अगर अपने पति से वो मनवाना हो, जिसके लिए वो मना कर रहा हो तो बस उसकी पसंद की डिश बना दो। आपकी फरमाइश भी वो झट से पूरी कर देगा।

ओनियन टियर की लेखिका शबनम खान ने कुछ ऐसे ही हसबैंड सीक्रेट अपनी बुक के जरिए एक्सप्लोर किए। वे कहने लगीं- मुझे एक बुक लिखनी थी तो मैंने सोचा मैं कुछ खाने पर ही लिख देती हूं, क्योंकि कहीं न कहीं इंडियन फैमिलीज में तो कहानी घूम फिर कर खाने के आसपास ही चलती है।

यहां तक कि साउथ अफ्रीका में रहने वाले इंडियंस की भी कुछ यही कहानी है। इस बुक में एक लड़की अपने हसबैंड के साथ फ्लैट में रहती है और उसे लगता है कि ऊपर वाले फ्लैट में कोई लड़की है, जो कहीं न कहीं परेशानी में है।

वो एक दिन उस फ्लैट में जाती है और उसे पता चलता है कि फ्लैट में रहने वाली लड़की परेशान है, क्योंकि उसे खाना अच्छा बनाना नहीं आता। इस वजह से उसका हसबैंड उसे मारता भी है।

तब वो बताती है कि उसका हसबैंड भी उसे मार सकता है, लेकिन वो नहीं मार पाता क्योंकि उसे अच्छे आलू के परांठे बनाने आते हैं और जाहिर सी बात है जब उसका पेट भारी हो जाता है तो हाथ उठा ही नहीं पाता।

रेनबो है साउथ अफ्रीका

शबनम कहती हैं-साउथ अफ्रीका में लोगों के अपने-अपने ग्रुप हैं और कह सकते हैं हमारा साउथ अफ्रीका तो दुनिया के अलग-अलग लोगों का एक रेनबो है। मेरी कहानी है ओनियन टीयर्स में अलग-अलग तीन पीढ़ियों के फेज हैं। मुझे यंग लड़की का हिस्सा लिखने में बहुत आसानी हुई।

लिटरेचर फेस्ट में सुमन ने सुनाए कबीर के दोहे

लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन फ्रंट लॉन में कबीर और दादू दयाल सेशन में प्रोफेसर सुमन यादव ने कबीर के दोहे गाए। साथ ही कबीर के दर्शन पर अपने विचार रखे, जिसकी फेस्टिवल में खूब प्रशंसा की गई।

सुमन ने राग तोडी में ‘जागी रे सब रैन बिहानी’ और ‘बटाऊ रे चलना आज की काल’ की प्रस्तुति दी। दादू और कबीर के पैनल डिस्कशन में सुमन ने कबीर के भजन ‘मन लागा मेरा यार फकीरी में’ प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मंच पर उनके साथ पुरुषोत्तम अग्रवाल, शबनम विरमानी, मोनिका टेटलबैक और अरविंद के . मेहरोत्रा उपस्थित थे।

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