तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 जनवरी 2012
अख़बार ने हिस्ट्री शिटरों के नेताओं से सम्बन्ध तो छापे लेकिन नेताओं की हिस्ट्री शीट केसे गायब हो गयी इस बारे में कोई खबर ना जाने क्यूँ नहीं बनाई
कोटा के एक देनिक अख़बार ने राजस्थान पुलिस के वेबसाईट से कोटा के कुछ कथित हिस्ट्री शिटरों के फोटू और नाम छापे ..अख़बार ने इस खबर में यह भी बताने का प्रयास किया के कोन से हिस्ट्री शीटर किस नेता के साथ है पढ़ कर मेने भी वेबसाईट में इन लोगों के नाम देखे तो जनाब मुझे ताज्जुब हुआ के कुछ दिनों पहले कोटा के तीन बढ़े भाजपा के नेता जिनका नाम हिस्ट्री शिटरों की सूचि में सरे फेहरिस्त था उनका नाम हिस्ट्री शीट में से गायब था उनकी हिस्ट्री शीट बंद कर दी गयी थी ..और जिन लोगों के अख़बार में नाम छपे थे पुलिस वेबसाईट में उनके नाम पुरे सही नहीं थे फिर भी अख़बार ने उन नामों को सही तरह से प्रकाशित किया इससे एक बात तो साफ हो गयी के किसी पुलिस अधिकारी ने अख़बार जी को पढ़ाया था और इसीलियें यह खबर छपी ..ताज्जुब यह रहा के इन अख़बार जी ने दो नेताओं के नजदीकी हिस्ट्री शिटरों के नाम प्रकाशित नहीं किये केवल धारीवाल ..मोलाना फजले हक ..भवानी सिंह राजावत से जुड़े लोगों के ही नाम थे जबकि कोटा में अभी दो पूर्व मंत्री ..भाजपा और कोग्न्रेस के कई बढ़े नेता है कोंग्रेस के भी मंत्री संसद है भाजपा के पूर्व मंत्री विधायक है लेकिन खबर टार गेटिव थी और किसी पुलिस अधिकारी ने इसे लीड किया था ..मेने कुछ पुलिस मित्रों से सवाल किया के भाजपा और कोंग्रेस के पदों पर बेठे कई नेताओं के खिलाफ दर्जनों मुकदमे है उनकी पुलिस हिस्ट्री शीट कहां है मेने खुद ने पूर्व मंत्रियों और विधायकों की हिस्ट्री शीट देखी है लेकिन अब पुलिस के अधिकारीयों ने उन हिस्ट्री शीटों को वेबसाईट पर नहीं डाला एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने तो इस बात पर यकीन ही नहीं किया उनका कहना था के पुलिस अधिकारी जिंदा मक्खी नहीं निगल सकते लेकिन मेने जब वेबसाईट खोल कर दिखाया तब उन्हें यकीन आया के बाहुबली नेताओं इ कितना दम है और गरीब लोग जो कई वर्षों से झगड़े फसाद से दूर रहकर शांतिपूर्ण जीवन जी रहे है केवल शो पिस के रूप में हिस्ट्री शीट में उनके नाम है ..तो जनाब अख़बार जी को इस बारे में भी तो खबर बनाना चाहिए लेकिन शायद यह खबर नहीं बना सके कोई अख़बार इसीलिए मेने इसे खबर बना दी है ...... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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