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20 जनवरी 2012

सेना प्रमुख उम्र विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अर्जी


नई दिल्ली. रोहतक की ग्रेनेडियर एसोसिएशन की ओर से दाखिल जनहित याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी गई है। एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उम्र विवाद में सेना प्रमुख का समर्थन किया था और सरकार को जन्म तिथि बदलने के निर्देश देने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की अर्जी पर सुनवाई की जरूरत नहीं है।

जनरल सिंह ने भी अपनी जन्मतिथि 10 मई 1951 के स्थान पर 10 मई 1950 करने के रक्षा मंत्रालय के फैसले को चुनौती दे रखी है। कोर्ट ने एसोसिएशन की पीआईएल खारिज करते हुए कहा कि इस पर कोई निर्देश देने से जनरल सिंह की याचिका पर भी असर पड़ेगा।

सेना प्रमुख वीके सिंह से चल रहे उम्र विवाद में फजीहत से बचने के लिए सरकार ने उन्हें मनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। मामला वापस लेने के लिए मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। इस सिलसिले में गुरुवार को रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा ने जनरल वीके सिंह से मुलाकात की। रक्षा सचिव ने उनके सामने सरकार का सुलह का नया प्रस्ताव रखा।
सरकार की ओर से यह कदम बुधवार को विधि मंत्री सलमान खुर्शीद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन की सिंह से मुलाकात के बाद आया है। शर्मा ने जनरल सिंह से मुलाकात कर जो प्रस्ताव रखा, उसके मुताबिक सरकार सेना प्रमुख की जन्मतिथि पर उनकी बात मान लेगी। यानी 10 मई 1951 की तारीख को उनकी जन्मतिथि स्वीकार कर लेगी। लेकिन बदले में सेना प्रमुख को इसी साल 31 मई को सेवा छोडऩे की बात माननी होगी।
हालांकि सेना मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक, जनरल सिंह के सरकार के इस प्रस्ताव को मानने की संभावना बेहद कम है। शर्मा के बाद, रक्षा राज्य मंत्री पल्लमराजू ने भी सेना प्रमुख से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने विधि मंत्री सलमान खुर्शीद से 21 जनवरी तक दिल्ली में ही रहने को कहा है। खुर्शीद उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रचार करना चाहते थे, लेकिन अब वह इस मुद्दे पर सरकार की कानूनी स्थिति और रुख पर नजर रख रहे हैं।
गौरतलब है कि आर्मी चीफ वीके सिंह की याचिका के मुताबिक अगर अदालत उनके पक्ष में फैसला सुनाती है तो सभी सेवा नियम 1951 की जन्मतिथि के हिसाब से लागू होंगे। इस तरह सिंह एक साल और सैन्य प्रमुख बने रहेंगे।
इस बीच, सिंह के करीबी सूत्रों ने रक्षा मंत्रालय के इस दावे से भी इंकार किया है कि उनके अदालत जाने के कदम की जानकारी उसे नहीं थी। सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री को इस बारे में पता था। हालांकि, मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया है।
प्रधानमंत्री का विवाद पर टिप्पणी से इनकार
प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने आयु विवाद को लेकर थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। मामले को संवेदनशील करार देते हुए डा. सिंह ने गुरुवार शाम कहा कि वे इस पर कुछ भी नहीं कहना चाहते। यहां विज्ञान भवन में एक समारोह में शिरकत करने आए प्रधानमंत्री से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने मामले पर चुप्पी साधकर विवाद को किसी भी तरह की हवा देने से गुरेज किया।
इससे पहले थलसेना प्रमुख जनरल विजय कुमार सिंह ने गुरुवार को रक्षा राज्य मंत्री डा. एमएम पल्लमराजू से मुलाकात की। हालांकि मुलाकात के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन भेंट को पल्लमराजू द्वारा बुधवार को इस मामले पर दिए गए बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। रक्षा राज्य मंत्री ने वीके सिंह के सुप्रीम कोर्ट जाने को सेना व रक्षा मंत्रालय दोनों के लिए खतरनाक संकेत करार देते हुए इसे अशुभ संकेत बताया था। उन्होंने मामले को रक्षा मंत्रालय व सेना के लिए खराब उदाहरण भी बताया था।
सूत्रों के मुताबिक, मुलाकात के दौरान वीके सिंह ने राजू को उन हालात से अवगत कराया कि जिनके कारण उन्हें कोर्ट जाने को बाध्य होना पड़ा। मामले को लेकर गुरुवार को संभावित केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की बैठक भी नहीं हो पाई।
इस बीच सरकार बनाम सेना प्रमुख विवाद में दोनों पक्ष अंदरखाने अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। संकेत मिले हैं कि केंद्र सरकार व रक्षा मंत्रालय ने अब इस मामले में किसी भी तरह की कोई पहल करने की बजाय कोर्ट में ही जवाब देने की रणनीति बनाई है।

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