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21 जनवरी 2012

रुश्दी का विवादित उपन्यास पढ़ा तो हो सकते हैं गिरफ्तार!



जयपुर.जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजकों ने शनिवार को कार्यक्रम में शामिल होने आए लेखकों को चेताया है कि अगर उन्होंने अपने किसी कार्यक्रम में सलमान रुश्दी के विवादास्पद उपन्यास सैटेनिक वर्सेज के अंश पढ़े तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है।

पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। इस ईमेल को लेकर फेस्टिवल में शामिल होने आए लेखकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है और अमिताव कुमार व हरि कुंजरू फेस्टिवल से चले गए हैं। आयोजकों का कहना है कि ये दोनों अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार गए हैं।

पुलिस में भी शिकायत :

वहीं आम्रपाली मार्ग वैशाली नगर के अशोक कुमार ने शनिवार को अशोक नगर थाने में परिवाद दिया है। परिवाद अमिताव कुमार, हरी कुंजरु, रुचिर जोशी, जीत तायल के खिलाफ है।

अशोक कुमार ने लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि चारों वक्ताओं ने जान बुझकर सलमान रुश्दी की विवादित पुस्तक सैटेनिक वर्सेज के अंश पढ़े, जो आपराधिक कृत्य है। क्योंकि यह पुस्तक भारत में प्रतिबंधित है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

प्रतिबंधित पुस्तक के अंश पढ़ने का विरोध

मिल्ली काउंसिल राजस्थान ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में विभिन्न वक्ताओं द्वारा रुश्दी की प्रतिबंधित पुस्तक सैटेनिक वर्सेज के अंश पढ़ने का विरोध किया है। काउंसिल के सचिव अब्दुल लतीफ आरको ने बताया कि सार्वजनिक रूप से प्रतिबंधित पुस्तक के अंश पढ़ना फौजदारी जुर्म है।

काउंसिल इस मामले में कानूनी कदम उठाएगी। पिंकसिटी हज वेलफेयर सोसायटी ने भी इसका विरोध किया है। सोसायटी के अध्यक्ष अब्दुल सलाम जौहर ने कहा कि इससे लाखों मुस्लिमों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके लिए सरकार को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

सैटेनिक वर्सेज पढ़ने वाले दो लेखक अमिताव कुमार व हरि कुंजरू वापस लौटे

ये है विवाद की वजह

शुक्रवार शाम 5: 15 बजे लेखक अमिताव कुमार और हरि कुंजरू ने दरबार हाल में सैटेनिक वर्सेज के कुछ अंश पढ़े थे। इस पर आयोजकों ने उन्हें रोक दिया था। इसके बाद इसी हाल में हुए अगले सेशन में जीत थायिल और रुचिर जोशी ने कुछ अंश पढ़े।

इसके बाद आयोजकों ने इस पूरे प्रकरण से खुद को अलग कर लिया और कहा कि उपन्यास के अंश पढ़ना डेलीगेट्स का निर्णय था। इस बारे में उन्होंने कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी।

यह ई मेल भेजा है

आप पर केस हो सकता है

प्रिय मित्रों, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रतिरोध के अधिकार का समर्थन करता है, लेकिन एक संवैधानिक दायरे में ही। हमें उम्मीद है कि सभी लेखक एक उचित और जिम्मेदाराना ढंग से ही अपने व्यक्तिगत विचारों की अभिव्यक्ति करेंगे।

कृपया ऐसे कामों व रचनापाठों से बचें जो सार्वजनिक रूप से हिंसा को उकसाते हैं और शांति व सौहार्द की भावना को नष्ट करते हैं, जिसके तहत यह फेस्टिवल आयोजित किया जाता है।

आपको सलाह है कि सैटेनिक वर्सेज भारत में प्रतिबंधित पुस्तक है और इस पुस्तक के अंश पढ़ने की कोशिश के परिणामस्वरूप आपको गिरफ्तार किया जा सकता है या आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

-नमिता गोखले

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