जयपुर. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार को दावा किया कि भंवरी देवी का केस सुलझा लिया गया है। सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक भंवरी देवी की हत्या की साजिश राजस्थान के मंत्री महिपाल मदेरणा और विधायक मलखान सिंह विश्नोई ने रची थी क्योंकि भंवरी इन दोनों को धमका रही थी।
इस मामले के अहम आरोपी कैलाश जाखड़ (तस्वीर में) को सीबीआई ने मंगलवार देर रात गिरफ्तार किया। कैलाश नागौर रोड पर पुलिस की घेराबंदी में पकड़ा गया। बताया जाता है कि कैलाश ने पूछताछ में कुबूल किया है कि उन्होंने भंवरी को जालोड़ा गांव के नहरी एरिया में जलाकर खत्म कर दिया है। यह वही एरिया है जहां चार दिन पहले सीबीआई ने रिमोट संचालित मिनी हेलीकॉप्टर से भूमिगत तस्वीरें उतारी थी। कहा यह भी जा रहा है कि सीबीआई को भंवरी की लाश के टुकड़े भी मिले हैं। अब सीबीआई कैलाश को साथ लेकर भंवरी के अवशेष ढूंढने के लिए जालौड़ा पहुंच गई है।
भंवरी की गुमशुदगी के मामले में सामने आए दूसरे गैंग के सदस्यों के रूप में विशनाराम, कैलाश, अशोक, ओमप्रकाश आदि के नाम सीबीआई के सामने आए थे। कैलाश जाखड़ की निशानदेही पर विशनाराम को बुधवार दोपहर को पुणे में पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि ओमप्रकाश पांच दिन पहले बाड़मेर में पकड़ा गया था। बुधवार को उसकी रिमांड अवधि 9 जनवरी तक बढ़ा दी गई। अब सीबीआई को सभी आरोपी मिल चुके हैं और पूरी वारदात से पर्दा उठने में थोड़ा ही समय बचा है।
सीबीआई के हाथ पांच दिन पहले जब विशनाराम का भाई ओमप्रकाश लगा तो उसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा था। सीबीआई के लिए ओमाराम वास्तव में बड़ी सफलता के रूप में मिला और उसने गैंग के दूसरे साथी कैलाश जाखड़ को मंगलवार देर रात ब्यावर में पकड़वा दिया। कैलाश ने पूछताछ के दौरान बताया कि विशनाराम पूना में छुपा हुआ है। इस पर सीबीआई ने महाराष्ट्र सीबीआई और पुलिस से संपर्क साधा और विशनाराम को दबोच लिया।
सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक भंवरी के पति अमरचंद को भंवरी के अपहरण की जानकारी पहले से ही थी। मलखान ने अमरचंद से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि भंवरी अकेले बिलाड़ा तक आए। वे भंवरी का अपहरण करना चाहते थे ताकि वह 8 सितंबर, 2011 को हुई महापंचायत से दूर रहे। मलखान सिंह ने इसके एवज में अमरचंद को 10 लाख रुपये दिए थे। भंवरी देवी पिछले साल 1 सितंबर से लापता थी। 11 अक्टूबर से राजस्थान सरकार के कहने पर सीबीआई ने जांच शुरू की थी।
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