पानीपत का पहला युद्ध 21 अप्रैल 1526 को लड़ा गया था। इस युद्ध ने उत्तर भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। इस लड़ाई में पहली बार बारूदी आग्नेयास्त्रों और मैदानी तोपखाने का प्रयोग किया गया था। सन 1526 में काबुल के तैमूरी शासक जहीर उद्दीन मोहम्मद बाबर की सेना ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी की सेना को युद्ध में परास्त किया।
एक अनुमान के मुताबिक बाबर की सेना में 15000 के करीब सैनिक और 20-24 मैदानी तोपें थीं। लोदी का सेनाबल 130000 के आसपास था, जबकि लड़ाकू सैनिकों की संख्या कुल 100000 से 110000 के आसपास थी, इसके साथ कम से कम 300 हाथियों ने भी युद्ध में भाग लिया था।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 जनवरी 2012
1526: पानीपत का प्रथम युद्ध, 1 लाख सैनिकों और 300 हाथियों का दम
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