किसी ने
कल ही तो कहा है
रिश्ते
पंछियों की तरह होते है ॥
इन्हें जरा जोर से पकड़ो
तो यह
मर जाते है ॥
अगर धीरे पकड़ो
तप
फडफडा कर
उढ़ जाते हैं
प्यार से अगर इन्हें पकड़ो
तो बस यह
तुम्हारे अपने बनकर रह जाते है ॥
लेकिन आज ही
में ऐसा ना कर सका और पंछी मेरा देख लो
मेरी उदारता देख
फडफडा कर उढ़ गया है ......... अख्तर खान अकेला कोटा रस्ज्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 दिसंबर 2011
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bahut khub,umda rachna...
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