लम्हे की कहता और उम्र भर का दाग जी हाँ में बात कर रहा हूँ बाबरी मस्जिद के आरोपियों की जिन्होंने कायदे कानून ताक में रख कर जानवरों सा बर्ताव कर दिया था ॥ देश में अराजकता फेलाने के लियें ऐसे आतताइयों ने खुद को देश का अलमबरदार बता कर देश की तहज़ीब को तार तार कर दिया था ॥ नतीजा आपके सामने है जिस प्रधानमन्त्री के काल में यह सब हुआ उसकी लाश भी सही तरह से ना जल पायी ....... जिस मुख्यमंत्री के काल में यह अपराध हुआ आज उन्हें लोग ढूंढते रहे हैं ॥ कुल मिलाकर सभी अपराधी किसी न किसी परेशानी से जूझ रहे है यह तो बात हुई अपराधियों की उनकी खुदा की तरफ से तय की गयी सजा की लेकिन आज हम बात करेंगे इस मामले को एक कडवा सच होने पर भी हर बार याद कर खुद को तकलीफ पहुँचाने से बचाने की ॥ में कहता हूँ जो हुआ सो हुआ उसे भूलो आगे बढो हर साल यह दिन आता है लेकिन इसका मतलब नहीं के इसे याद कर दुक्ख और तकलीफों को बढाओ देश और देश की तरक्की के बारे में सोचो ॥ दोषियों को केसे सजा मिले इस मामले में अपनी बात कहो ॥ भविष्य में ऐसी हरकतें न हो इसका प्लान तय्यार करो । देश केसे एक जुट हो देश में केसे भाईचारा सद्भावना अपनापन बढ़े जरा इसके बारे में भी सोचो लकीर के फकीर बन कर ऐतिहासिक बात को लेकर खुद के आज को दुःख देने से क्या फायदा
इस जानवर को देख लोग अलग अलग ज़ात के जानवर है लेकिन इनका प्यार इनका अपनापन खुद देख कर कुछ सीख लो । दोस्तों जब जानवर जानवर से प्यार कर सकता है तो हमे तो भगवान ने इंसान बनाया है यारों यह ज़ात पात यह धर्म अधर्म की दीवार तोड़ दो और इन जानवरों की तरह से प्यार और इंसाफ के अलमबरदार बन जाओ कहो ऐसा कर सकोगे ॥ तो आओ हम सब मिलकर आधुनिक भारत का निर्माण करें ... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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