अयोध्या.अयोध्या में छह दिसम्बर 1922 को विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद से अब तक विवादित परिसर की सुरक्षा पर ही करोड़ों रूपए खर्च किए जा चुके हैं।
आधिकारिक सूत्नों के अनुसार परिसर की पाइप बैरीकेडिंग और तार लगाने पर ही करीब तीन करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं। कैम्पिंग साइट पर लगभग आठ लाख रूपए,निगरानी टावरों पर 25 लाख से ज्यादा रूपए तथा करोड़ों रूपए खर्च कर परिसर में सुरक्षा सम्बन्धी अन्य निर्माण कराए गए हैं जिनमें प्रमुख रुप से सुरक्षाकर्मियों के लिए बनाए गए बैरक,आवास आदि शामिल हैं।
सूत्नों के मुताबिक परिसर में बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के लिए करीब चार लाख रूपए की लागत से खरीदे गए जनरेटर की मौजूदगी के बावजूद करीब तीन लाख रुपया प्रतिमाह बिजली के बिल पर खर्च किया जाता है।
सूत्नों ने बताया कि परिसर की सफाई आदि पर ही वर्ष 1992 से अब तक पचास लाख रूपए से ज्यादा खर्च हो जाने का अनुमान है१ परिसर में सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ गाड़ियों पर भी लाखों रूपए खर्च हुए हैं।
परिसर की सुरक्षा के लिए बनी स्थायी समिति की बैठकों पर भी अच्छा खासा व्यय होता है। क्योंकि उस समिति में दिल्ली और लखनऊ से कई वरिष्ठ अधिकारी भाग लेने आते हैं।
समिति में खुफिया ब्यूरो(आईबी)के भी अधिकारी शामिल हैं। सूत्नों ने बताया कि इसके अलावा विभिन्न मौकों पर अयोध्या की सुरक्षा में किलेबंदी करनी पड़ती है जिस पर लाखों रूपए खर्च होते हैं।
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