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29 दिसंबर 2011

लटक गया लोकपाल, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नई दिल्ली. राज्यसभा से लोकपाल बिल के पास नहीं हो सका। संसद में हंगामे के बीच राज्यसभा अध्यक्ष हामिद अंसारी ने सत्र समाप्ति की घोषणा करते हुए सदन को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले लोकपाल में आरक्षण के मुद्दे पर सदन की कार्रवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की गई जिसके बाद संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने सरकार की ओर से जवाब देना शुरु किया। बंसल ने कहा कि शीतसत्र की कार्रवाही 21 दिसंबर को समाप्त होनी थी। लेकिन लोकपाल बिल का काम चल रहा था और सरकार शीत सत्र के दौरान ही लोकपाल को पास कराना चाहती थी। राष्ट्रपति से तीन दिन तक कार्रवाही बढ़ाने की अनुमति ली गई। लेकिन सदन में चर्चा के दौरान बहुत से संशोधन सामने आए हैं जिनपर चर्चा की आवश्यक्ता है। सरकार मजबूत लोकपाल लाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार फैसला करेगी कि संसद की कार्रवाही अब कब होगी। यदि हम सच में ही मजबूत लोकपाल लाना चाहते हैं तो फिर सरकार को वक्त दिया जाना चाहिए। सदन में बहुत से संशोधन पेश किए गए हैं। सरकार सभी संशोधनों पर चर्चा करना चाहती है। सरकार को फैसला करना है कि अब कब सदन की कार्रवाही हो।

पवन कुमार बंसल को जवाब देते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि सरकार कार्रवाही जारी रखे, हम पूरी रात बैठने को तैयार हैं।
अरूण जेटली ने सरकार को जवबा देते हुए कहा सरकार सदन से भाग रही है क्योंकि वो विश्वास खो चुकी है। दिन भर की चर्चा की बाद सदन का मत जानने के बाद विपक्ष ने तीन संशोधन प्रस्ताव पेश किए हैं जिनके पास होने की संभावना है। सरकार के पास सदन में बहुमत नहीं है। मैं पूरे होश में कहता हूं कि सदन में जो हो रहा है वो सरकार की साजिश का नतीजा है। सरकार इस सदन में अल्पमत में हैं। जो सरकार सदन में वोट करवाने से दूर भाग रही है उसे देश में राज करने का कोई अधिकार नहीं है।
मैं सदन के अध्यक्ष से अपील करता हूं कि सदन को फैसला करना चाहिए कि सदन की कार्रवाही कब तक चलनी चाहिए न की सरकार को यह फैसला लेना चाहिए की सदन की कार्रवाही कब हो।

सीताराम येचुरी ने कहा कि हम कल भी इस चर्चा के लिए तैयार थे। सरकार कल बिल क्यों नहीं लाई ये हमें नहीं पता। सरकार के सामने कल दिक्कतें थी जिस कारण सरकार बिल लेकर नहीं आई। येचुरी ने कहा, मंत्री महोदय कह रहे हैं कि सरकार लोकपाल में प्रस्तावित संशोधने पर चर्चा करना चाहती है तो स्पष्ट करें कि चर्चा कब की जाएगी। इस बात का कोई अर्थ नहीं है कि सरकार फैसला करेगी कि सदन का सत्र कब चलेगा। सदन लगातार चल रहा है और अगर जरूरत पड़ी तो हम कल भी फिर से बैठेंगे।

जेटली और येचुरी के सवालों के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री पीके बंसल ने कहा कि सरकार मजबूत लोकपाल लाना चाहता है। कुछ संवैधानिक मजबूरियां हैं जिन्हें निभाना जरूरी है। नया साल आ रहा है जिसमें सदन की कार्रवाही राष्ट्रपति के भाषण से ही शुरु होगी। लोकपाल में 187 संशोधन प्रस्ताव पेश किए गए हैं जिनमें से कुछ विवादित भी हैं इन पर सरकार का विचार करना जरूरी है।
पवन कुमार बंसल जिस वक्त अरुण जेटली और सीताराम येचुरी के सवालों का जवाब दे रहे थे उस वक्त सदन में हंगामे के कारण कार्रवाही को स्थगित करते हुए सदन के अध्यक्ष हामिद अंसारी ने कहा, सदन के सामने एक अप्रत्याशित परिस्थिति है। ऐसा लग रहा है जैसे सभी सदस्य एक दूसरे पर हावी होना चाहते हैं। सदन की कार्रवाही ऐसी परिस्थित में जारी नहीं रखी जा सकती। अब मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। न चाहते हुए भी मुझे सदन की कार्रवाही स्थगित करनी पड़ रही है। अध्यक्ष ने राष्ट्रगीत सदन में बजने के बाद सदन के अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित करने की घोषणा की।

इससे पहले राज्यसभा में बोलते हुए बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने सरकार पर लोकपाल विधेयक को जानबूझकर लटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस जानबूझकर सदन में हंगामा कर रही ताकि समय पूरा हो जाए और बिल पास न कराया जा सके। राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी भी मौजूद थे।
सदन की कार्रवाही पर बनी संशय की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी नेता बलवीर पुंज ने कहा कि यदि वोटिंग नहीं होती है तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन होगा। आपातकाल के बाद यह फिर से लोकतंत्र की हत्या जैसी होगा। सुबह से सदन चल रहा है और सदन में खलल डाला जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि सदन में हंगामा प्रायोजित है। साफ स्पष्ट है कि सरकार लोकपाल को लटका रही है।

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