क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार प्रेम व मानवता का संदेश तो देता ही है साथ ही यह भी बताता है कि खुशियां बांटना ही ईश्वर की सच्ची सेवा है। सांता क्लॉज द्वारा बच्चों को गिफ्ट्स बांटना इसी बात का प्रतीक है। सांता क्लॉज का नाम सभी बच्चे विशेष रूप से जानते हैं। लाल रंग की वेशभूषा और सफेद दाड़ी वाले सांता क्लॉज बच्चों से बहुत प्यार करते हैं। ये बच्चों को गिफ्ट बांटते हैं। आईए जानते हैं सांता क्लॉज कौन थे और इनका इतिहास क्या है-
लगभग डेढ़ हजार वर्ष पहले एक ईसाई संत हुए जिनका नाम था निकोलस। ऐसा माना जाता है कि वे ईसाई पादरी थे। निकोलस बहुत ही दयालु और परोपकारी थे। जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। संत निकोलस को बच्चों से खास लगाव था वे उन्हें बहुत प्रेम करते थे इसी वजह से बच्चों को हमेशा उपहार दिया करते थे। ऐसी मान्यता है कि संत निकोलस ने एक बार तीन गरीब लड़कियों की मदद की थी।
घर के बाहर इन तीन गरीब लड़कियों के मौजे लटक रहे थे। तभी संत निकोलस ने उन मौजों में सोने के सिक्के डाल दिए। इन सिक्कों से ही उन लड़कियों की शादी अच्छे से हो गई। तभी से दुनियाभर के बच्चों में क्रिसमस पर घर के बाहर मौजे लटकाने की परंपरा है। बच्चों का ऐसा मानना है कि संत निकोलस यानी सांता क्लॉज उन्हें बहुत सारे उपहार देंगे।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 दिसंबर 2011
जानिए, कौन है बच्चों का प्यारा सांता
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