इस्लामाबाद.अफगानिस्तान में लड़ रही संयुक्त सेनाओं के लिए रसद ले जा रहे नाटो के टैंकर पर पाकिस्तान में हमले जारी हैं। सोमवार को बलूचिस्तान सूबे के बोलन जिले के दादर कस्बे में नाटो के काफिले पर आठ आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में टैंकर चला रहे ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई। यह काफिला अफगानिस्तान की सीमा में न घुस पाने की वजह से कराची लौट रहा था। इस हमले के पीछे तालिबानियों का हाथ बताया जा रहा है। ताज़ा हमलों में गठबंधन सेना के करीब 11 सैनिक मारे गए हैं (विस्तृत खबर पढ़ने के लिए पहले रिलेटेड आर्टिकल पर क्लिक करें)।
इन हमलों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते और तल्ख होने के आसार हैं।
दूसरी तरफ, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती तल्खी के बीच पाकिस्तान ने अमेरिका से टैक्स वसूलने की तैयारी की है। पाकिस्तानी चौकी पर नाटो हमले के बाद गठबंधन सेनाओं की सप्लाई पर रोक लगा दी गई थी लेकिन अब पाकिस्तान इस सप्लाई को फिर से बहाल करने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान ने हालांकि इसके एवज में राजस्व वसूली की योजना बनाई है। पाकिस्तान के जरिये अफगानिस्तान जाने वाले ट्रकों और ईंधन टैंकरों से अब लाखों डॉलर टैक्स लिए जाएंगे। अमेरिका की अगुवाई वाली गठबंधन सेना के लिए जाने वाली इस सप्लाई पर अब तक कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था।
पाकिस्तानी राजदूतों की इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय में हो रही बैठक के दूसरे दिन मंगलवार को इस बारे में चर्चा हुई। इस बैठक में अमेरिका और नाटो के साथ पाकिस्तान के रिश्ते की समीक्षा से जुड़ा ड्राफ्ट तैयार किया गया। विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि बैठक की सिफारिशें संसद में पेश की जाएंगी जो इसपर अंतिम मुहर लगाने के लिए अधिकृत है।
मीडिया में पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी के हवाले से आई खबर के मुताबिक अफगानिस्तान जाने वाले ट्रकों और टैंकरों पर ईंधन कर के अलावा बंदरगाह और भंडारण के लिए शुल्क वसूला जाएगा। गठबंधन सेनाओं के लिए सप्लाई पाकिस्तान के बंदरगाहों से होकर अफगानिस्तान जाती है। नाटो हमले के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस सप्लाई पर रोक लगाने का फैसला किया जिसके बाद हजारों ट्रक अब भी पाकिस्तान की सीमा में फंसे हुए हैं।
अमेरिका रोकेगा मदद
अमेरिकी संसद ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 70 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद रोकने पर रजामंदी जता दी है। अमेरिकी संसद के सदस्यों ने सोमवार को बताया कि वो पाकिस्तान को दिए जाने वाले 70 करोड़ डॉलर की मदद को रोकने पर राजी हो गए हैं जब तक आईईडी नष्ट करने में पाकिस्तान की ओर से किसी मदद का अश्वासन नहीं मिलता। पाकिस्तान को अमेरिकी मदद में ये रोक उस रक्षा विधेयक का हिस्सा है जिसके अगले हफ़्ते पारित होने की उम्मीद है। ये आईईडी अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ जंग में जुटी अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों के खिलाफ आतंकवादियों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे प्रभावी हथियार हैं।
रिपब्लिकन पार्टी से सांसद होवर्ड मैकियोन ने कहा, ‘अमेरिका पाकिस्तान से इस बारे में आश्वासन चाहता है कि वह अपने देश में आईईडी खत्म करने की कार्रवाई में जुटा है जिनका इस्तेमाल गठबंधन सेनाओं को निशाना बनाने में किया जाता है।’ इनमें से अधिकतर विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल से बनते हैं और अमेरिका का मानना है कि ये उर्वरक सीमा पार पाकिस्तान से आम तौर पर आता है।
अमेरिका ने सुरक्षा और आर्थिक मदद के नाम पर 2001 से करीब 20 अरब डॉलर की रकम पाकिस्तान को आवंटित कर चुका है। इनका अधिकतर हिस्सा आतंकवादियों के खिलाफ जंग में मदद के लिए खर्च के तौर पर इस्तेमाल किया जाना था। लेकिन अमेरिकी सांसदों को पाकिस्तान की नीयत पर संदेह है और ऐसी घटनाएं बढ़ने से अमेरिकी सांसदों की हताशा बढ़ रही है (पूरी खबर पढ़ने के लिए रिलेटेड लिंक पर क्लिक करें)।
सीनेटर जॉन मैकेन ने आईईडी विस्फोटकों के बारे में पिछले हफ़्ते कहा था, "अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए जो विस्फोटक बनाए जा रहे हैं उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री पाकिस्तान के दो उर्वरक कारखानों से आती है।"
इससे पहले पाकिस्तान में अमेरिकी कमांडो की कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद जुलाई में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद पर भी रोक लगाई थी।
पाकिस्तान की धमकी
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने धमकी दी है कि भविष्य में किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में विदेश नीति पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि भविष्य में हमलों का कड़ाई से जवाब दिया जाएगा। सोमवार को शुरू हुए इस बैठक में मौजूद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख ने कहा कि नाटो का हमला जानबूझकर किया गया और यह उकसाने वाली कार्रवाई है। बैठक में अमेरिका, यूरोप, अफगानिस्तान और भारत स्थित पाकिस्तानी मिशन में तैनात 16 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। खार ने इस बैठक की अगुवाई की।
पिछले दिनों मोहमंद प्रांत में पाकिस्तानी चौकी पर नाटो हमले में 24 सैनिकों की मौत को लेकर पाकिस्तान में लोगों का गुस्सा बरकरार है। पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत कैमरन मंटर ने भी माना है कि मोहमंद प्रांत में नाटो का हमला दोनों देशों के रिश्तों के लिए बड़ा झटका है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 दिसंबर 2011
नाटो के टैंकरों पर हमले जारी, अमेरिका से टैक्स भी वसूलने की तैयारी!
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