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13 दिसंबर 2011

अब अदालतों को वारंटों का रजिस्टर रखना पढ़ेगा

देश की अदालतों को अब किसी के भी खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने पर उसका एक प्रथक से रजिस्टर संधारित करना होगा .............. इसके पहले अदालतों से जारी वारंटों के बारे में कोई निश्चिन्ता नहीं थी वारंट का पुलिस कर्मी क्या करते हैं .वारंट अगर जारी होता है तो उसका अंतिम निष्पादन होता भी है या नहीं ॥ वारंट उच्च न्यायालय से निरस्त किया जाता है या नहीं और पुलिस द्वारा उसे वापस लोटाया जाता है या नहीं इस मामले में कोई भी इन्द्राज अदालतों के पास नहीं था नतीजन कई न्यायालयों में वारंट जारी होने पर अगर हाई कोर्ट से जमानत हो जाए तो भी उसे रद्द करने के लियें रजिस्टर में इद्राज करने का कोई प्रावधान नहीं था ................. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने रघुवंश देवचंद बनाम स्टेट ऑफ़ महाराष्ट्र मामले में आदेशित क्या है के देश के न्यायालयों में जब भी किसी का गिरफ्तारी वारंट सी आर पी सी की धारा सत्तर के तहत निकाला जाएगा तो उसे जारी करने पर उसका एक प्रथक से रजिस्टर बनाया जाकर उसकी महत्वपूर्ण एंत्रियाँ जिसमे वारंट कब जारी हुआ इसके निष्पादन के लियें किस पुलिस अधिअकारी को कब दिया निष्पादन हुआ या नहीं वापस वारंट लोटाया गया या नहीं और अगर उच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय ने वारंट निरस्त किया है तो उसका नोट उसमे अंकित करना होगा पहले ऐसा इन्द्राज नहीं होता था जिससे कई मामलों में अभियुक्त की जमानत होने के बाद भी गलत फहमी में उन्हें पकड़ लिया जाता था और अदालतों को दिक्कतें आती थी महाराष्ट्र के एक मामले में भी ऐसा ही होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उक्त आदेश सभी हाईकोर्टों को अधीनस्थ न्यायाल्ल्यों से इस आदेश की पालना करवाने के लियें इस आदेश को भेजा है ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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