कहते हैं किसी चीज की आदत हो जाए, तो उसे छोडऩे के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। फिर आदत अच्छी हो या बुरी यह बात दोनों के लिए लागू होती है। किसी कार्य का बार-बार किया जाना या अभ्यास आदत का रूप ले लेती है।
इस आदत या अभ्यास को विपरीत आदत द्वारा बदला जा सकता है। विज्ञान के अनुसार शरीर एक मशीन है। और उस मशीन में आपने जो आदतें डाली हैं, उन आदतों को आपको नई आदतों से बदलना पड़ेगा नई बातें सुनकर नहीं।
अगर आपको सिगरेट पीना छोडऩा है तो आपको ताजगी पैदा करने की दूसरी आदतें डालना पड़ेंगी। नहीं तो आप कभी नहीं छोड़ पाएँगे। जब भी आपको सिगरेट पीने का खयाल हो तब गहरी दस सांस लें, जिनसे ऑक्सीजन ज्यादा भीतर चला जाएगा। तो ताजगी ज्यादा देर रुकेगी, जितनी देर निकोटिन से रुकती है, और ज्यादा स्वाभाविक होगी। यह एक नई आदत है।
जब भी सिगरेट पीने का खयाल आए, गहरी दस सांस लें। और सांस लेने से शुरू मत करें, सांस निकालने से शुरू करें। जब भी सिगरेट पीने का खयाल आए एक्झेल करें, जोर से साँस को बाहर फेंक दें, ताकि भीतर जितना कार्बन डाइआक्साइड है, बाहर चला जाए। फिर जोर से साँस लें, ताकि जितना कार्बन डाइआक्साइड की जगह थी उतनी ऑक्सीजन ले ले। आपके खून में ताजगी दौड़ जाएगी। इस तरह सांस लेने की आदत आपको धीरे-धीरे डालनी होगी। साथ ही जब भी स्मोकिंग की इच्छा हो सौंफ का सेवन भी कर सकते हैं। इस तरह सांस लेने की क्रिया जैसे-जैसे आपकी आदत बनती जाएगी। आपकी सिगरेट की आदत कम होती जाएगी और धीरे-धीरे छूट जाएगी। सिगरेट पीने वाले एक बात का और ध्यान रखें एक दम सिगरेट छोडऩे की कोशिश न करें वरना आप शायद कभी सिगरेट नहीं छोड़ पाएंगे।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 दिसंबर 2011
शॉर्टकट : सिगरेट छूट जाएगी, वो भी बिना मशक्कत
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