दैनिक भास्कर से चर्चा में जयवर्धन ने कहा कि राजनीति में पिता दिग्विजय सिंह ही उनके रोल मॉडल हैं। उन्हीं से मिली प्रेरणा के बाद वह यह तय कर पाए कि राघौगढ़ में ही उनका भविष्य है और उन्हें राजनीति के माध्यम से समाज सेवा करनी चाहिए। 27 वर्षीय जयवर्धन के लिए एक नेता के रूप में लोगों से रूबरू होने का यह पहला मौका होगा। इस यात्रा के जरिए वे आम जनता से सतत संवाद स्थापित करने की कोशिश करेंगे।
..और भी होंगी पदयात्राएं : जयवर्धन की दूसरी पदयात्रा गर्मियों के मौसम में जामनेर से शुरू होगी जो धरनावदा तक जाएगी। तीसरी पदयात्रा वर्ष 2012 की सर्दियों में शुरू होगी जो धरनावदा से शुरू होकर आरोन तक जाएगी।
मैं बूढ़ा हो गया हूं : दिग्विजय सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में कहा कि वे और राघौगढ़ के मौजूदा विधायक मूलसिंह बूढ़े हो गए हैं। अब युवाओं को आगे आकर काम करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिए हैं कि राघौगढ़ की विरासत संभालने के लिए वे अपने पुत्र को आगे बढ़ाएंगे। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैंने उन्हें (जयवर्धन) को समझाया है कि वह हवा-हवाई राजनीति न करें। जमीन पर आकर कार्य करें और लोगों की परेशानियों को समझें।’
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