नई दिल्ली. रूस में गीता पर पाबंदी की खबरों को लेकर मंगलवार को भी संसद में हंगामा हुआ। तकरीबन सभी दलों के सांसदों ने केंद्र सरकार से रूस में हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए पहल की मांग की। विदेश मंत्री एस एम कृष्णा आज लोकसभा में इस मसले पर बयान देने के लिए खड़े हुए। लेकिन भाजपा के यशवंत सिन्हा की अगुवाई में पार्टी के सांसदों का हंगामा जारी रहा। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्षी सांसदों का हंगामा शांत नहीं हुआ। इसके बाद कृष्णा ने बयान सदन के पटल पर रख दिया।
बयान के मुताबिक ‘भारत ने रूस से बात की है और रूसी सरकार के सामने यह मामला उठाया गया है। रूस ने इस मामले में समुचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास की इस मामले पर पूरी नजर है।’ कृष्णा ने कहा कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है और इस पर पैनी नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्री ने कहा, 'रूसी अदालत में इस मामले की शिकायत कुछ मूर्ख और गुमराह अथवा उकसाए गए व्यक्तियों का काम है। यह शिकायत पूरी तरह निर्थक है, हमने इसे गम्भीरता से लिया है और रूस में भारतीय दूतावास इस पर पैनी नजर बनाए हुए है।'
लेकिन कृष्णा के इस बयान से असंतुष्ट दिख रहीं भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने सरकार के कदम को नाकाफी बताया। उन्होंने इस मसले पर कड़े कदम उठाने के साथ भगवद् गीता को राष्ट्रीय पुस्तक घोषित करने की भी मांग की।
गीता को लेकर विवाद पर रूस ने खेद जताया है। भारत में रूस के राजदूत अलेक्जेंडर एम कडाकिन ने कहा है कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ को अदालत में ले जाना अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा,‘यह अजीब बात है कि यह घटना टोम्स्क में हुई है जो अपने धार्मिक समभाव और सहिष्णुता के लिए जाना जाता है। ऐसा लगता हे कि टोम्स्क जैसे खूबसूरत शहर के इर्द-गिर्द भी सिरफिरे हैं, जो वाकई दुखद है। हमारा मानना है कि हर धार्मिक ग्रंथ सभी के लिए आदरणीय है। इनपर किसी भी विवाद का समाधान जानकारों और विद्वानों के बीच होना चाहिए न कि किसी अदालत में।’
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने चेतावनी दी है कि यदि रूस में गीता पर पाबंदी लगती है तो वो रूस की सरकार की तरफ से मिले दोनों खिताब लौटा देंगे। रविशंकर को रूस की तरफ से ह्यूमन ऑफ द वर्ल्ड अवार्ड (2011) और पीटर द ग्रेट फर्स्ट ग्रेड अवार्ड (2006) मिला है।
रूस में काम कर रहे भारत, बांग्लादेश, नेपाल समेत कई देशों के हिंदू समुदाय के लोगों ने हिंदू काउंसिल का गठन कर अपनी मांग पर जोर देने का फैसला किया है। इस्कॉन के रूसी चैप्टर के प्रमुख साधु प्रिय दास को काउंसिल का चेयरमैन चुना गया है। दास ने कहा कि उनका संगठन मास्को स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क में है। साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय से भी मदद ली जा रही है।
रूसी अदालत ने मामले की सुनवाई 28 दिसंबर तक के लिए टाल दी है।
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