उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग इल दुनिया के सबसे ज़्यादा एकाकी और रहस्यमय व्यक्तित्व वाले नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़े एक देश पर राज किया।
वे दुनिया के अकेले वंशानुगत साम्यवादी शासक थे, जिनकी मानवाधिकारों के घोर उल्लघंनों और परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाने और लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण कर क्षेत्र की स्थिरता को ख़तरे में डालने के लिए आलोचना होती थी।
अपने पिता किम सुंग इल की 1994 में मौत के बाद जब किम जोंग इल ने सत्ता संभाली, उस समय उनके बारे में बहुत कम जानकारी थी. वे सार्वजनिक तौर पर कभी-कभार ही देखे गए थे।
कहा जाता है कि 1987 में एक दक्षिण कोरियाई विमान को मार गिराने के लिए उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर निर्देश दिए थे।
दक्षिण कोरियाई मीडिया में किम जोंग इल की छवि एक घमंडी आदमी, बुफ़ों हेयरस्टाइल वाले प्लेबॉय के रूप में थी जो लंबा दिखने के लिए प्लेटफ़ॉर्म जूते पहनता था।
किम जोंग इल के बारे में मौजूद किस्सों से लगता है कि वे उतने बेफ़कूफ़ नहीं थे जितना कि दक्षिण कोरियाई उन्हें दर्शाते थे। हालांकि हो सकता है कि उनकी खाने-पीने के प्रति लगाव की बात सच हो।
किम जोंग इल के साथ रूस में ट्रेन से सफ़र करने वाले रूसी दूत कोंस्टेंटिन पुलिकोवस्की के अनुसार सफ़र के दौरान किम हर रोज़ विमान से ज़िंदा केकड़े मंगवाते थे जिन्हें वे चांदी की चॉपस्टिक से खाते थे।
पुलिकोवस्की का कहना था कि वे दोनों कई 'ख़ूबसूरत और अक्लमंद' महिला साथियों के साथ शैम्पेन पीते थे।
वर्ष 2000 में किम जोंग को तत्कालीन दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति किम डाए-जुंग के साथ एक शिखर वार्ता के दौरान शराब के 10 ग्लास पीते देखा गया था।
व्यक्तित्व: सच्चाई और मिथक
जो लोग किम जोंग इल से मिले थे, उनका कहना है कि वे अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर नज़र रखते थे।
अपने देश में किम जोंग इल एक हीरो थे।
आधिकारिक सूचना के मुताबिक़ किम जोंग का जन्म एक लकड़ी के केबिन में हुआ था और उस समय आकाश में एक चमकीला तारा और दो इंद्रधनुष देखे गए थे।
आधिकारिक तौर पर ये भी कहा जाता है कि किम जोंग ने दो साल में छह ओपेरा लिखे और राजधानी प्योंगयांग में एक प्रसिद्ध जगह भी डिज़ाइन की थी।
लेकिन बाहरी विशेषज्ञों के अनुसार किम जोंग इल का जन्म रूसी शहर खबारोवस्क के निकट हुआ था, जहां उनके पिता सोवियत सेना से समर्थन ले रहे थे।
कोरियाई युद्ध की अवधि युवा किम ने चीन में बिताई।
उत्तर कोरिया के ज़्यादातर अभिजात वर्ग की ही तरह किम ने किम सुंग इल विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की।
वर्ष 1975 में उन्होंने 'प्रिय नेता' की उपाधि मिली और पांच साल बाद वे कोरियन वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति में शामिल हो गए, जहां उन्हें संस्कृति और कला की विशेष ज़िम्मेदारी सौंपी गई।
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