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25 दिसंबर 2011

'सेना का भगोड़ा, बीजेपी का एजेंट है अन्ना'

नई दिल्‍ली. टीम अन्ना के अनशन पर बैठने से पहले ही टीम कांग्रेस ने तीखा हमला किया है। अन्ना पर कई बार निशाना साध चुके केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि, 'वह 1965 के भारत-पाकिस्‍तान युद्ध का भगोड़ा सिपाही है। इसके गांव रालेगण सिद्धि में सरपंच इसके खिलाफ जीता है। महाराष्ट्र में यह शरद पवार का विरोध कर रहा था, इसके बावजूद कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने नगरपालिका चुनाव में जीत हासिल की है।'

टीम अन्ना के सदस्य केजरीवाल ने कहा कि, 'अन्ना सिर्फ देश के एजेंट हैं। वह किस के साथ हैं, इससे लोकपाल बिल पर क्या फर्क पड़ता है। कांग्रेस को बिल पास करना चाहिए।' बेनी ने हाल में अन्‍ना को धमकी देते हुए कहा था कि यदि वो यूपी में आते हैं तो उन्‍हें देख लिया जाएगा। कांग्रेस प्रवक्‍ता राशिद अल्‍वी ने कहा कि अन्‍ना हजारे अपनी विचारधारा के बारे में स्‍पष्‍टीकरण दें।

उधर, टीम अन्‍ना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सभी सांसदों को खुली चिट्ठी लिखी है। टीम अन्‍ना ने कहा है कि वो ‘असली’ एंटी करप्‍शन कानून चाहते हैं। अन्‍ना ने कहा है कि लोकपाल और लोकायुक्‍तों के पास अपनी जांच शाखाएं होनी चाहिए जिनका रिश्वतखोरी के मामले की जांच करने का विशेष अधिकार होना चाहिए। टीम अन्‍ना ने मजबूत लोकपाल कानून बनाए जाने की मांग दोहराते हुए कहा कि सीबीआई और निचली नौकरशाही को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए।

चिट्ठी में अन्ना के सहयोगियों ने कहा है कि वे चाहते हैं कि संसद में चर्चा से जहां तक संभव हो सके, अच्छा कानून सामने आए। इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने कहा है कि संसद में पेश मौजूदा विधेयक के कुछ प्रावधानों पर उनका विरोध बरकरार है, लेकिन वे चाहते हैं कि सांसद उनके कुछ मुद्दों को भी विधेयक में शामिल करें।

टीम अन्‍ना ने कहा कि वे चाहते हैं कि लोकपाल तथा लोकायुक्त को किसी की शिकायत के बगैर ही स्वत: संज्ञान के आधार पर किसी भी मामले की जांच का अधिकार हो। पत्र में कहा गया है, "हम संसद से अपील करते हैं कि वह हमारे कुछ मुद्दों पर भी विचार करे और देश को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावी कानून दे। मौजूदा विधेयक के कई प्रावधानों को लेकर हमारा विरोध जारी रहेगा। हम इसके खिलाफ महीनों, वर्षो तक संघर्ष करते रहेंगे।"
इस बीच, अन्‍ना हजारे को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का करीबी होने के आरोपों पर टीम अन्‍ना ने कड़ा जवाब दिया है। अन्‍ना के अहम सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अन्‍ना हजारे आरएसएस के नहीं बल्कि इंडिया के एजेंट हैं। केजरीवाल ने कहा कि 30 सितंबर से पूरे देश में जेल भरो आंदोलन होगा। किरण बेदी ने कहा है कि एक साथ मंच पर होने से कोई एजेंट नहीं होता। भाजपा ने भी कांग्रेस के आरोपों की कड़ी आलोचना की है।

इस बीच, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक अखबार में प्रकाशित खबर समर्थन करते हुए कहा है कि अन्‍ना हजारे आरएसएस के प्रचारक रहे नाना जी देशमुख के करीबी रहे हैं। उन्‍होंने अन्‍ना को फिर से आरएसएस का एजेंट कहा है। हाल में कांग्रेस का दामन का थामकर उड्डयन मंत्री का पद संभालने वाले अजित सिंह ने भी अन्‍ना हजारे को निशाने पर लिया है। उन्‍होंने कहा कि जब से अन्‍ना ने राजनीति करनी शुरू की है तब से उनके समर्थकों की तादाद कम होने लगी है।

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