कनक हाड़ौती के तीसरे साहित्यकार हैं जिन्हें साहित्य का पुरस्कार मिला है। इनके अलावा प्रख्यात हिन्दी कथाकार काशीनाथ सिंह को उनके उपन्यास ‘रेहन पर रग्घू’ के लिए इस सम्मान के लिए चुना गया है।
अकादमी पुरस्कार 2011 के लिए चुने गए छह अन्य उपन्यासकार है गोपालकृष्ण पै (कन्नड़), क्षेत्री बीर (मणिपुरी), कल्पनाकुमारी देवी (ओडिया), बलदेव सिंह (पंजाबी) और एस. वेंकटशन (तमिल)। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष सुनील गंगोपाध्याय की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
‘जूण जातरा’ के लिए मिला पुरस्कार
कनक को 14 फरवरी को अकादमी भवन नई दिल्ली में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार के तहत एक लाख रुपए, ताम्रपत्र और सम्मानपत्र दिया जाएगा। शेष त्न पेज १क्
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कनक से पूर्व राजस्थानी भाषा का केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार कोटा के दिवंगत साहित्यकार डा. शांति भारद्वाज राकेश को उनके उपन्यास ‘उड़ जा रे सुआ’ तथा प्रेमजी प्रेम को उनके काव्य संग्रह ‘म्हारी कवितावां’ पर मिल चुका है।
कनक (44) कोटा की महावीर नगर विस्तार योजना कालोनी में रहते हैं तथा एमए (हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास) और एमबीए (वित्त) शिक्षा प्राप्त हैं। देश भर में कवि सम्मेलनों में काव्यपाठ करने समेत आकाशवाणी और दूरदर्शन पर उनकी रचनाएं प्रसारित होती रही हैं।
उनकी पांच पुस्तकें अब तक प्रकाशित हो चुकी तथा देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती है। दूरदर्शन के लिए अलख आजादी धारावाहिक भी लिखा है।
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