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19 दिसंबर 2011

कोटा वक्फ संपत्ति को सरकारी एजेंसियों और कब्जेदारों से बचाने के लियें महासंग्राम करना होगा वरना दलाल सक्रिय हो चले हैं

राजस्थान में कोटा जिले की वक्फ सम्पत्तियों पर काफी हद तक तो सरकार कब्जेदार है कुछ पर किरायेदार कब्जेदार है तो कुछ पर खुद मुस्लिम भाइयों ने ही अतिक्रमण कर रखा है लेकिन अब एक बार फिर कुछ सम्पत्तियां कोटा नगर विकास न्यास के निशाने पर हैं ...... कोटा में अधरशिला वक्फ सम्पत्ति पर नगर विकास न्यास की नज़र है और वोह वहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना चाहती है पहले जब भाजपा के सदर थे तब तो शहर काजी कोटा और आम मुसलमानों के दबाव में इस काम को रोक दिया गया था ॥ लेकिन अब कुछ कोंग्रेस के मुसलमान दलाल वक्फ से जुड़े कुछ लोगों को दबाव में लेकर इस सम्पत्ति को कब्जाने की कोशिशों में लग गये है इसी तरह से नयापुरा कोटडी बरकत उद्ध्यान वक्फ सम्पत्ति पर भी न्यास पुल निर्माण के नाम पर कब्जा करना चाहता है इस संपत्ति पर पहले जब वजू घर के निर्माण के नाम पर नगर निगम ने तोड़ फोड़ की थी तब हंगामे के बीच लाठी वार और गोलीबारी हुई थी तब दो मासूम बच्चों की अकाल म़ोत हो गयी थी ............. तो जनाब कोटा की वक्फ सम्पत्ति पर कभी नगर विकास न्यास तो कभी एयरपोर्ट ऑथोरिटी तो कभी नगर निगम निगाहें गडाए है ..जो बाक़ी सम्पत्ति है उसमे से कुछ को अगर छोड़ दें तो करोड़ों करोड़ कीमत की वक्फ सम्पत्ति पर कोटा के कथित कोंग्रेस और भाजपा के नेता ... जनप्रतिनिधि ..समाजसेवक दानदाता कब्जेदार है जो करोड़ों करोड़ की सम्पत्ति के बदले कोडियों के दाम भी किराए के रूप में नहीं दे रहे हैं ......... कहते हैं के वक्फ की सम्पत्ति अलाह की राह में समर्पित होती है और खुदा ही इसका निगेहबान होता है लेकिन फिर भी यहाँ तो वक्फ सम्पत्ति का कोई धनी धोरी नहीं है कहने को तो एक दर्जन से भी अधिक अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है और वक्फ सम्पत्ति का किराया जो भी आता है इन्हीं के वेतन पर खर्च हो जाता है लेकिन यह कर्मचारी क्या काम करते हैं इनकी कांफिदेम्शल रिपोर्ट केसे और कोन लिखेगा इस बारे में कोई नियम नहीं है हालत यह है के इनके दफ्तर आने जाने का वक्त भी पाबन्द नहीं है और इन कर्मचारियों की सर्विस फ़ाइल भी बार बार कहने पर अब तक नहीं बन सकी है ऐसे में वक्फ सम्पत्तियों को सरकार और सरकार के महकमे के अलावा किरायेदारों ..कब्जेदारों ..समाजसेवकों..पार्टियों के नेताओं ..निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से बचाने के लियें कोटा के मुसलमानों को महासंग्राम करना होगा वरना कोटा में वक्फ सम्पत्ति को लोग ढूंढते रह जायेंगे ....... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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