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09 दिसंबर 2011

शिक्षा मंत्री को आया गुस्सा और न जाने क्या-क्या बोल गए!

जयपुर.शिक्षामंत्री बृजकिशोर शर्मा प्रदेश में साक्षरता के लक्ष्य, क्रियान्वयन में हो रही चूक से अधिकारियों पर इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने साक्षरता बैठक में ही कह दिया कि विभाग में कैसे-कैसे नमूने भर्ती कर रखे हैं।

यदि यही हाल रहे तो लक्ष्य समय पर पूरा कर पाना मुश्किल हो जाएगा। जालोर, पाली, झुंझुनू, डूंगरपुर व बारां के जिला साक्षरता अधिकारियों को उन्होंने नोटिस जारी करने और बाड़मेर के साक्षरता अधिकारी को तत्काल हटाने के निर्देश जारी कर दिए।

शिक्षा संकुल में ‘साक्षर भारत योजना’ की समीक्षा बैठक के दूसरे दिन भी शिक्षामंत्री का गुस्सा अधिकारियों पर उतरता रहा। शर्मा ने कहा कि किसी भी स्तर पर हुई लापरवाही के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं और उन्हें गलती की सजा भुगतनी पड़ेगी।

डूंगरपुर के साक्षरता अधिकारी को किताबों का वितरण, निरक्षरों के पंजीकरण की चाही गई सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर डांट खानी पड़ी। जालोर के अधिकारी ने जब प्रेरकों की ट्रेनिंग और साक्षरता में ग्रामीणों की भागीदारी को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो मंत्री ने यहां तक कहा कि कैसे-कैसे नमूने भर्ती कर रखे हैं विभाग में।

इस योजना के तहत मार्च में एक साथ राज्य में होने वाली साक्षरता परीक्षा में 10 लाख परीक्षार्थियों को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। परीक्षा में निर्धारित लक्ष्य से अधिक लगभग 13 लाख परीक्षार्थियों को शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। सभी सांसद, जिले के प्रभारी मंत्री, विधायक, जिला प्रमुख एवं प्रधानों से योजना के निरीक्षण में सहयोग लिया जाएगा।

शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने कहा कि साक्षर भारत योजना की दो दिवसीय समीक्षा बैठक में किए गए प्रयासों के कारण भविष्य में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे तथा इससे अभियान को गति मिलेगी। उन्होंने महिला साक्षरता पर जोर देते हुए कहा कि एक महिला अगर साक्षर होती है तो वह दो परिवारों को साक्षर करती है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं जिलों में जाकर साक्षर भारत योजना की मॉनिटरिंग करेंगी।

रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग का 70 फीसदी काम पूरा

साक्षरता निदेशक मधुसूदन शर्मा ने बताया कि योजना के तहत रजिस्ट्रेशन व ट्रेनिंग का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पठन-पाठन पुस्तकों की सभी स्थानों पर खरीद हो चुकी है तथा इनके वितरण की प्रक्रिया जारी है।

बैठक में बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, जालोर, झुंझुनू, पाली, सिरोही एवं उदयपुर के कामों की समीक्षा की गई। संबंधित जिलों से आए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी, राज्य संदर्भ केन्द्र जयपुर, जोधपुर के निदेशक एवं जनशिक्षण संस्थानों के निदेशक भी मौजूद थे।

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