आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

02 दिसंबर 2011

और भी गम हैं जमाने में हेलमेट के सिवा लेकिन एक अख़बार जी हैं के मानते ही नहीं .

जी हाँ कहावत है के और भी गम हैं जमाने में मोहब्बत के सिवा इसी तर्ज़ पर कोटा के एक अख़बार जी द्वारा लगातार प्रकाशित किये जा रहे हेलमेट उवाच से तंग आकर लोग अब अख़बार के सम्पादकों से हाथ जोड़ कर कहने लगे हैं के और भी गम है जमाने में हेलमेट के सिवा लेकिन अख़बार जी हैं के दिल है की मानता ही नहीं की तर्ज़ पर मानते ही नहीं है ॥ दोस्तों कोटा में आज तक इतिहास हेई यहाँ बाहर से आये अफसर कभी भी चोबीस घंटे पानी आना चाह कर भी बंद नहीं कर सके ॥ यहाँ बाहर से आये लोग चाहे वोह अफसर हो चाहे बदमाश चाहे नेता हों चाहे पत्रकार यहाँ अराजकता नहीं फेला पाए । कोटा में कचोरी खाना लोगों ने कभी बंद नहीं किया ठीक इसी तरह से बाहर से आये पत्रकार और पुलिस ने पुल बना कर लोगों को लुटने के लियें हेलमेट नाम पर लुत्ट्स मचाई लेकिन कभी कामयाब नहीं हुए । पिछले दिनों से एक अख़बार में बाहर से आये पत्रकार जी ने संकल्प लिया के में कोटा के लोगों को हेलमेट पहना कर ही दम लूँगा लोगों ने उन्हें मोटर वाहन अधिनियम देकर इल्तिजा की के भाई इस कानून में कई दर्जन प्रावधान है बढ़े वाहनों के लियें ट्रकों के लियें बसों और जीपों कारों के लियें उन्हें पहले लागू करवाएं ताकि गरीबों की म़ोत सडक दुर्घटना में नहीं हो लेकिन जनाब कोटा में रोज़ लोग मर रहे हैं दुर्घटनाएं हो रही हैं और जनाब अख़बार जी है के हेलमेट के अलावा कुछ देख ही नहीं रहे ॥ मेने एक पुलिस जी से कहा के जनाब तदा इन अख़बार जी के दफ्तर के बाहर तो खड़े हो जाओ वहां कोन पत्रकार कर्मचारी कितने हेलमेट पहन कर आते हैं यकीन मानिए के खुद के दफ्तर के लोग काफी ऐसे मिले जिन्होंने हेलमेट नहीं पहन रखा था और जिन्होंने पहन रखा था उनमे से काफी लोगों के पास आई एस आई मार्का का हेलमेट नहीं था तो जनाब खुद अख़बार जी ने अपने गिरेबान में नहीं झाँका चिराग तले अँधेरा रखा और हेलमेट हेलमेट के पिच्छे पढ़ गये अब तो अख़बार जी के इस हेलमेट उवाच से जनता और अधिकारी उकता भी गये हैं लेकिन अख़बार जी हैं के समझते ही नहीं के और भी गम है जमाने में हेलमेट के सिवा ...... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...