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25 दिसंबर 2011

जयपुर का विहंगम दृश्य देखना है तो पहुँच जाइए ईसर लाट!

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जयपुर नगर के निर्माता महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के ज्येष्ठ पुत्र सवाई ईश्वरी सिंह व द्वितीय पुत्र सवाई माधोसिंह प्रथम के बीच महाराजा पद के लिए सन् 1749 ईस्वी में युद्ध हुआ था। इसमें ईश्वरी सिंह को विजय मिली थी।

युद्ध में मिली विजय पर स्मारक के रूप में विजय स्तंभ का निर्माण कराया गया, जो अब ईसरलाट या सरगासूली के नाम से विख्यात है। इसकी ऊंचाई धरातल से 140 फीट है। सात मंजिला यह मीनार जयपुर शहर के मध्य अष्टकोणीय आकृति में बनी हुई है।

यह जयपुर वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति है, जिसकी सर्वोच्च मंजिल से शहर का विहंगम दृश्य नजर आता है। सैलानियों के लिए यहां से जयपुर का विरासत दर्शन सुनहरी यादों में रहता है।

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