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18 दिसंबर 2011

आखिर एक महिला बनी हिंदुस्तान की पहली नागरिक!

जुलाई 2007 जैसे ही राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम की घोषणा हुई, हर इंसान की जुबान पर एक ही बात थी 'आज भारत को पहली महिला राष्ट्रपति मिल गई' और चारों जैसे एक जश्न का माहौल था, इस चुनाव में प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भैरों सिंह शेखावत से लगभग दो गुने अंक प्राप्त किये, और यह साबित कर दिया कि महिला किसी भी क्षेत्र में पुरुष से पीछे नहीं है।

जिस समय उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकित किया गया तब वे राजस्थान राज्य के राज्यपाल के रूप में अपना कार्यभार संभाल रही थी अभी तक के इतिहास में वे राजस्थान की पहली और आखिरी महिला राज्यपाल रही हैं, राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद जब उनसे जीत के रहस्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा 'यह मेरी नहीं भारतीय सिद्धांतों की जीत है'।

ऐसा नहीं है कि राष्ट्रपति चुनाव की डगर श्रीमती पाटिल जी के लिए आसान थी, उनका राजनीतिक जीवन भी विवादों से दूर नहीं रहा है,उस समय श्रीमती पाटिल विवादों में घिर गईं जब उन्होंने राजस्थान में एक सभा में कहा कि 'राजस्थान की महिलाओं के लिए पर्दा प्रथा मुगलों से बचाने के लिए शुरू की गई' उनके इस बयान का विरोध ना सिर्फ मुस्लिम नेताओं ने किया अपितु इतिहासकारों ने भी कह दिया राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदार प्रतिभा पाटिल जी को इतिहास की जानकारी नहीं है, वही समाजवादी पार्टी ने भी कहा कि प्रतिभा पाटिल विरोधी विचारधारा रखती हैं

संभवतः यह विवाद उनके राजनीतिक जीवन का प्रथम विवाद था| जब श्रीमती पाटिल ने कहा कि उनके गुरु की आत्मा के साथ उनके संवाद होते हैं तब वे एक बार फिर विवादों में घिर गईं इतना ही नहीं उनके पति श्री देवी सिंह शेखावत पर भी एक स्कूल शिक्षक को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है, चीनी मिल घोटाला, इंजीनियरिंग कॉलेज फंड घोटाला आदि संगीन आरोप भी उनके नाम हैं, इसके बाद भी जब जुलाई 2007 में जब वे राष्ट्रपति चुनाव जीत भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनी तो विरोधियों के मुंह स्वतः ही बंद हो गए|

19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जन्मी प्रतिभा ताई (प्रतिभा पाटिल) राजनीतिक जीवन में आने से पहले सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करती थीं, उस समय किसी ने सोचा भी नहीं होगा की बड़ी सी बिंदी लगाने वाली और साधारण से पहनावे वाली यह महिला एक दिन हिन्दुस्तान की पहली नागरिक बन जाएगी|

उन्होंने मुंबई विश्विद्यालय से क़ानून की शिक्षा ली और 1962 में कॉलेज क्वीन भी रहीं यही वह साल था जब उन्होंने 27 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र के एदलाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्यासी के रूप में विधानसभा का प्रथम चुनाव लड़ा , और विजय होने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंत राव की शासन काल में अपना कार्य आरंभ किया और उसके बाद से राजनीतिक जीवन अनवरत रहा|

इस दौरान जब 1977 में श्रीमती इन्द्रा गांधी को गिरफ्तार किया गया तब प्रतिभा जी ने इसका विरोध किया और खुद गिरफ्तार होकर दस दिनों के लिए जेल भी गईं | 1991 में पहली बार उन्हें अमरावती सीट से लोकसभा का टिकट प्राप्त हुआ और विजयी भी हुईं, जब कांग्रेस ने पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता देखी तो 2004 में उन्हें एक नयी जिम्मेदारी देते हुए राजस्थान की राज्यपाल के रूप नियुक्त किया गया| एक राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ वे टेनिस की एक अच्छी खिलाड़ी भी रही हैं| स्वतंत्र भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल राजस्थान राज्य की प्रथम महिला राज्यपाल भी रहीं हैं, श्रीमती पाटिल ने अभी हाल ही में थार में चल रहे सबसे बड़े युद्ध अभ्यास में पहुंचकर सेना के सिपाहियों का उत्साहवर्धन किया और टैंक पर बैठने वाली प्रथम राष्ट्रपति का ख़िताब अपने नाम किया|

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