किसी दुर्घटना की आशंका हमेशा उसके माता-पिता को परेशान करते रहती है। इसी कारण उसके माता पिता ने उसे बांध दिया है। ताकि वो कहीं आ जा नहीं सके। किसी दुर्घटना का शिकार न हो सके।
दो साल से है बंधा हुआ
संजय बिरहोर पिछले दो साल से रस्सी से बंधा हुआ है। आलम यह है कि भोजन या शौच के लिए भी उसकी रस्सी नहीं खोली जाती। डर यह कि पलक झपकते वह कहीं गायब न हो जाये। ग्रामीणों ने बताया कि संजय किसी भी दीवार, पेड़, पोल पर बिना किसी सहारे के दौड़ कर चढ़ने की क्षमता रखता है।
अगर उसे रस्सी से नहीं बांधा गया तो वह किसी पेड़ पर भी जाकर बैठ सकता है। एक बार तो पूरी रात उसने पेड़ पर ही बिता दी। बहरहाल, संजय के माता-पिता के पास कोई दूसरा उपाय नहीं है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)