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01 दिसंबर 2011

500 साल पुरानी इस परंपरा मे एक-दूसरे के खून के प्यासे बन जाते हैं घोड़े


हजारों दर्शकों के सामने ये दो घोड़े एक-दूसरे को मारने के लिए गुस्से से पागल हो रहे हैं। इस तरह के खूनी संघर्ष में घोड़े काटने या फिर लातें मारने से घायल होकर मर जाते हैं या फिर इतना थककर गिरते हैं कि यूं ही उनकी मौत हो जाती है।

चीन के गुआंगज़ी ज़ूआंग प्रांत के लूइज़ोउ में एक त्योहार के मौके पर घोड़ों की यह लड़ाई आयोजित की जाती है। सदियों पहले एक धार्मिक व्यक्ति ने यह परंपरा शुरू की थी। एनिमल राइट्स ग्रुप वाले इसका विरोध कर रहे हैं, फिर भी अधिकारी उनके दबाव में नहीं आए और इस बार भी यह संघर्ष देखने को मिला।

लोगों का कहना है कि यह परंपरा पांच सौ साल से भी ज्यादा पुरानी है। इसके लिए घोड़ों को कई महीने पहले से ट्रेनिंग दी जाती है। रिंग में छोड़े जाने से पहले घोड़ों को उकसाया जाता है। इसके बाद वे एक- दूसरे के खून के प्यासे बन जाते हैं। अंत में खून से लथपथ एक घोड़ा जब जमीन पर गिरता है तो लोग हंसते हैं।

एक ट्रेनर ने कहा कि हम यह प्रतियोगिता कभी बंद नहीं करेंगे क्योंकि ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है। पेटा के एक प्रवक्ता के अनुसार मनोरंजन के नाम पर जानवरों को प्रताड़ित करना गलत है, परंपरा इसे कभी सही नहीं ठहराएगी और सभ्य समाज में इसकी कोई जगह नहीं है।

हॉर्स फाइटिंग लगभग दुनियाभर में बंद हो गई है, फिर भी चीन, इंडोनेशिया, फिलिपींस और साउथ कोरियो में यह जारी है। इस लड़ाई में भी पहले सफेद घोड़ा पिछड़ रहा था, बाद में उसने लाल घोड़े की आंख पर काटकर वापसी की फिर भी वह जीत नहीं सका और अंत में थककर गिर गया।

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