आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 दिसंबर 2011

दिसंबर में लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण जानिए.. क्या होगा असर


ग्वालियर। इस साल का आखिरी खग्रास चंद्रग्रहण दस दिसंबर को पड़ेगा, जो पूरे देश में दिखाई देगा। ज्योतिर्विदों के अनुसार, शनिवार को चंद्र ग्रहण होने के कारण महंगाई बढ़ेगी, खासतौर पर तेल, लोहा जैसी काली वस्तुओं में विशेष वृद्धि होगी। इसके अलावा सर्दी भी अधिक पड़ेगी तथा अंचल में फसल भी अच्छी होगी।

अगले साल यानी वर्ष 2012 में कोई भी ग्रहण देश में नहीं दिखेगा। चंद्रग्रहण के लिए सूतक सुबह 9:15 बजे से प्रारंभ हो जाएगा लेकिन शाम 7:36 बजे खग्रास प्रारंभ होते ही चंद्रमा दिखना बंद हो जाएगा फिर रात्रि 8:28 बजे से थोड़ा-थोड़ा दिखाई देने लगेगा।

देश की शांति पर पड़ेगा असर

ज्योतिर्विद डॉ. एचसी जैन के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण के बाद सन् 2012 में कोई भी सूर्य व चंद्र ग्रहण देश में नहीं दिखाई देगा। ग्रहण के दौरान चंद्रमा वृषभ का होगा। इसी राशि में केतु, वृश्चिक में राहू और तुला में शनि होगा। इससे मानसून के आंशिक कमजोर होने और देश की शांति पर असर पड़ने की आशंका रहेगी।

ग्रहण में जन्मे बच्चे मानसिक रूप से होंगे कमजोर

ज्योतिषाचार्य विजयभूषण वेदार्थी के अनुसार इस दिन चंद्रमा भू मंडल निवासियों को शाम 7:36 बजे से 8:28 बजे तक नहीं दिखाई देगा। ग्रहण रोहिणी नक्षत्र में पड़ रहा है, इसलिए ग्रहण काल में रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने बालक शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर रहेंगे। इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए इन जन्मे जातकों को जन्म के तुरंत बाद चांदी के चंद्र मोती का लॉकेट धारण कराएं।

इन राशियों पर पड़ेगा चंद्र ग्रहण का असर

खग्रास चंद्र ग्रहण का विभिन्न राशियों पर असर पड़ेगा। जिन जातकों के लिए ग्रहण कष्टकारी है, वे ग्रहण काल में तुला दान या अन्नदान करें। ऐसा करने से ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचा जा सका सकता है।

मेष- धन हानि।
वृष- कष्ट।
मिथुन- धन हानि।
कर्क - धन लाभ।
सिंह - सुख।
कन्या - अपमान, भय।
तुला - कष्ट।
वृश्चिक - स्त्री कष्ट।
धनु - सुख।
मकर - चिंता।
कुंभ - रोग, पीड़ा।
मीन - लाभ।

ग्रहण काल में सभी जल गंगा के समान

ग्रहण काल में सभी जल गंगा के समान होते हैं। गर्म जल से ठंडा जल श्रेष्ठ होता है। बहता पानी अधिक श्रेष्ठ है। सरोवर, गंगा, नदी के पानी में स्नान करना श्रेष्ठ है। ग्रहण में वस्त्रों सहित स्नान करना मुक्ति स्नान कहलाता है। ग्रहण के सूतक काल में बालक, वृद्ध और रोगी पर कोई नियम लागू नहीं होगा।

ऐसे लगता है ग्रहण

ज्योतिर्विद डॉ. एचसी जैन के अनुसार सूर्य क्रांति मंडल में व चंद्र विमंडल में अपनी- अपनी कक्षा में परिभ्रमण करते हैं और सूर्य से छह राशि के अंतर पर पृथ्वी की छाया में रहती है। पूर्णिमा को सूर्य और चंद्र में भी छह राशियों का अंतर रहेगा। अत: इस दिन सूर्य, पृथ्वी, चंद्रमा एक सीध में रहते हुए पृथ्वी की छाया चंद्रमा को धीरे -धीरे ढक लेगी तब चंद्र ग्रहण लेगा। जब चंद्रमा पूरा ढक जाएगा तो खग्रास चंद्र ग्रहण होगा।

कितने समय तक रहेगा ग्रहण का प्रभाव

सूतक: सुबह 9:15 बजे
ग्रहण काल: शाम 6:15 बजे से
खग्रास: शाम 7:36 बजे से
ग्रहण का मध्य: रात्रि 8:02 बजे होगा।
चंद्रदर्शन: रात्रि 8:28 बजे से शुरू हो जाएगा।
ग्रहण काल समाप्त: रात 9:49 बजे होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...