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03 नवंबर 2011

ये बच्चों का खेल नहीं, आग की फुटबॉल है और...

इंडोनेशिया के मुस्लिम रमज़ान के पवित्र माह का स्वागत कुछ अलग अंदाज में करते हैं। इस मौके पर वहां का खेल ‘सेपक बोला अपि’ खेला जाता है। ये खेल बहुत कुछ फुटबॉल की तरह होता है, फर्क इतना है कि इसे आग की गेंद से खेला जाता है। इसे देखने के बाद लोगों को फुटबॉल बोर लगता है।

सेपक बोला अपि खासतौर पर योग्यकर्ता, बोगोर, तसिकमल्या और पपुआ इलाकों में खेला जाता है। इसमें फुटबॉल की तरह 11-11 खिलाड़ियों की दो टीमें होती हैं। दोनों टीमें एक-दूसरे में गोल दागने की कोशिश में लगी रहती हैं। यह काम उन्हें नंगे पैर करना होता है।

चूंकि साधारण फुटबॉल इतनी देर तक लगातार नहीं जल सकती, इसलिए नारियल से गेंद बनाते हैं। सूखे नारियल का पानी निकाल दिया जाता है। इसके ऊपर और भी कई नारियलों के रेशे लपेटे जाते हैं। इसके बाद इसे घासलेट या फिर पेट्रोल में भिगोया जाता है।

कुछ सूत्र कहते हैं कि खेल से सात दिन पहले गेंद को भिगो दिया जाता है, वहीं कुछ का कहना है कि सिर्फ आधा घंटा भिगोने से गेंद पूरे मैच में जलती रहती है। आग से नंगे पैर खेलने के लिए इन लोगों को अपने डर को दूर भगाना पड़ता है। इसके लिए खिलाड़ी पहले 21 दिन उपवास रखते हैं।

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