दफ्तर के कर्मचारियों ने किसी तरह कुर्सी-मेज पर चढ़ कर जान बचाई। बाद में एसडीएम रणविजय सिंह ने कहा कि हक्कुलु नामक इस सपेरे को जल्द ही जमीन आवंटित कर दी जाएगी। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हक्कुलु के छोड़े सांप पकड़ में नहीं आए। कर्मचारी जरूर जान बचा कर इधर-उधर भागे।
राष्ट्रपति तक को लिख चुका था पत्र: हक्कुलु क्षेत्र में सांप पकड़ता है। उसने सांपों को रखने के लिए जमीन मांगी थी। जिसके लिए उसने राष्ट्रपति से लेकर सभी स्तर तक के अधिकारियों को पत्र लिखा। लेकिन उसे जमीन अभी तक नहीं मिली। हक्कुलु का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उसे जमीन आवंटित हो गई है। लेकिन तहसील कार्यालय के कर्मचारी उससे रिश्वत मांग रहे थे। जिससे परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।
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