इसी के अंतर्गत वर्ष 2011-12 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में स्थान बना चुका लकड़ी का दुनिया का सबसे लंबा चम्मच म्यूजियम में रखा जा रहा है। संभवत: इसी महीने के दूसरे सप्ताह में एक समारोह में इसका औपचारिक उद्घाटन भी किया जाएगा।
जेकेके प्रशासन का कहना है कि इस पहल से राजस्थान सहित देशभर की कला व संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे जहां शोध छात्रों को फायदा होगा, वहीं विदेशी पर्यटकों का भी यहां प्रवेश अधिक हो सकेगा।
हाथी की सूंडनुमा हैंगर पर सजेगी स्पून
गरिमा फाउंडेशन की ओर से यहां हाथी की सूंडनुमा लकड़ी के हैंगर पर विश्व के सबसे लंबे वुडन स्पून को लगाया जाएगा। शीशम और सागवान की लकड़ी से बना 40 फीट लंबा यह स्पून 42 इंच चौड़ा है। म्यूजियम के ग्राउंड फ्लोर पर रखी जाने वाली इस कृति को विश्व रिकॉर्ड धारी कलाकार मनमोहन अग्रवाल व निशांत चौधरी ने 6 महीने में बनाया था।
इसके साथ ही फस्र्ट फ्लोर पर आरएएस अधिकारी पंकज ओझा के बनाए 17 फीट 3 इंच के विश्व के सबसे बड़े चाकू को प्रदर्शित किया जाएगा। ओझा को इसे बनाने में 3 से 4 महीने का वक्त लगा था। मनमोहन अग्रवाल कहते हैं रिकॉर्ड आइटम्स को जयपुर में पहली बार इस तरह से म्यूजियम में जगह मिली है।
म्यूजियम में अपने दुर्लभ और रिकॉर्ड कायम किए हुए आइटम्स को प्रदर्शित करने के लिए जवाहर कला केन्द्र को एक लिखित आवेदन पत्र भेजना होगा। इसमें आइटम्स का नाम, कहां से लिया गया है या कैसे बनाया है?, कब का है और चित्रों सहित अन्य जानकारियां भेजनी होंगी। इसके बाद जेकेके प्रशासन की ओर से निरीक्षण किया जाएगा।
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