इमली एक ऐसा फल है जिसका नाम सुनते ही उसका स्वाद दिमाग में आ जाता है और मुंह में ना पानी आने लगता है। वैसे इमली का स्वाद तो बूढों से लेकर बच्चों तक सभी को भाता है। लेकिन आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि बार-बार इमली के पेड़ के नीचे से नहीं गुजरना चाहिए या इमली के पेड़ के नीचे नहीं जाना चाहिए। उसके नीचे खाना न खाएं या इमली के नीचे न सोएं। पहले के जमाने में यह एक मान्यता थी। लेकिन आजकल लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं। अगर आयुर्वेद की मानें तो ये अंधविश्वास नहीं इसके पीछे कारण है।
आयुर्वेद के अनुसार दक्षिण के एक वैद्य अपने शिष्य को बनारस भेजते है। अब पहले तो पैदल यात्रा होती थी और महिनों लम्बी यात्रा होती थी। दक्षिण के वैद्य ने शिष्य से कहा कि दिन मे जो खाना या करना है, करना पर रात को इमली के पेड के नीचे सोते हुये जाना। हर रात इमली के नीचे सोना- वह तैयार हो गया। कई महिनो बाद जब वह बनारस पहुँचा तो उसके सारे शरीर मे नाना प्रकार के रोग हो गये। चेहरे की कांति चली गयी और वह बीमार हो गया। बनारस के वैद्य समझ गये कि उनकी परीक्षा ली जा रही है।
उन्होने उसे जब वापस दक्षिण भेजा तो कहा कि दिन मे जो खाना या करना है, करना पर हर रात नीम के पेड के नीचे सोना। और जैसा आप सोच रहे है वैसा ही हुआ। दक्षिण पहुंचते तक शिष्य फिर से ठीक हो गया। इसलिए माना जाता है कि इमली के पेड़ के नीचे से निकलना खतरनाक होता है हो सकता है इस पेड़ के नीचे से निकलने से आपको भी कोई बीमारी सताने लगे।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 नवंबर 2011
मानो या न मानो: इमली के पेड़ के नीचे से निकलना हो सकता है खतरानाक
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
जानकारी के लिये आभार्।
जवाब देंहटाएं