
कहते हैं मौत के बाद इंसान अपने कर्म के अनुसार स्वर्ग या नर्क में जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार मृत्यु के बाद इंसान को अपने किए कर्मों का फल मिलता है। गरुड़ पुराण के अनुसार गरुड़ भगवान से पूछते हैं कि जीव किन पापों से यमलोक में जाता है। किन पापों से वैतरणी नदी में गिरता है। तब भगवान उत्तर देते हैं। जो शुभ काम नहीं करते हुए हमेशा अशुभ काम करता हो वह नरक में जाता है। धर्मराजपुर के चार दरवाजे हैं। उनमें पूर्व पश्चिम व उत्तर तीनों धर्मात्माओं के लिए होते हैं।
दक्षिण दिशा का दरवाजा पापी पुरुषों के लिए होता है। ब्रम्ह्म हत्या करने वाले, मदिरा पीने वाले, गोहत्या करने वाले, बालघाती, स्त्रीघाती, विश्वासघाती, स्त्रियों को विश्वास दिलवाकर उनसे धन छिनने वाला, जहर मिश्रित अन्न देकर किसी को मारने वाला, नीचपुरूष से स्नेह रखने वाला, सुखी को दुखी बनाने वाला, कड़वा बोलने वाला, मन में बुरी बात रखने वाला, हित की बात भी न सुनने वाला, उधार लेकर वापस न देने वाला, बच्चों का धन छिनने वाला शास्त्रों की आज्ञा न मानने वाला, अभिमानी, मुर्ख अपने को पंडित मानने वाले, ऐसे बताए गए पाप जो भी करता है वह जीव दिन-रात रोते हुए सजा पाते हुए यमलोक को जाता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि स्वर्ग और नरक के बीच एक खिड़की भी है जिससे होकर स्वर्गवासी नरकवासियों को देख-देख मज़ा लेते हैं।
जवाब देंहटाएं