सांप नेवले की लड़ाई विश्व प्रसिद्ध है। दोनों जब लड़ते हैं तो एक-दूसरे को खून के प्यासे हो जाते हैं। जिसने मात दी उसकी जान बच गई। जिसने मात खाई उसकी जान चली गई। पर समान्यत: इस लड़ाई में सांप की ही मौत होती है। सांप को नेवला मार डालता है। अधिकांश लोगों का भी मानना है कि इस लड़ाई में नेवले को सांप कभी मार ही नहीं सकता है। पर यह वास्तविकता से परे है। दरअसल, नेवले में जन्म से ही सांप पर अटैक करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। उसकी चपलता और फुर्ती जान को बचाती है। यह दीगर बात है कि हर लड़ाई में नेवला बाजी मार ले जाता है, लेकिन यह भी उतना ही सही है कि सांप के जहर से उसकी किसी भी पल मौत हो सकती है। यदि किसी तरह सांप अपने विष दंत को उसके शरीर में चुभाने में सफल हो जाए तो उसकी मौत हो जाएगी। जीव विज्ञान के मुताबिक, सांप के साथ झगड़े के समय नेवला अपने शरीर के बालों को इस कदर फुला लेता है कि सांप के विषैले दांत मांस में नहीं घुस पाते। सांप के मुंह केवल बाल ही आ पाता है। विष और सांप के खून में संपर्क नहीं हो पाता है। इसलिए नेवला सुरक्षित बच जाता है
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