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06 नवंबर 2011

चार दुर्लभ योग शादियों में लगाएंगे चार-चांद!

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इस बार शादियों की शुरुआत चार दुर्लभ संयोगों से होगी। कार्तिक शुक्ल एकादशी के साथ दो अन्य शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि, राजयोग और त्रिपुस्कर योग भी रहेंगे। ज्योतिषियों के मुताबिक आज से दो शुभ योग आने से यह दिन विवाह के लिए अधिक सुखदायक हो गया है।

पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी के अनुसार इस बार चार दुर्लभ योगों से शादियों की शुरुआत काफी शुभ रहेगी। 6 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के साथ शादी और मांगलिक कार्यो के शुभ मुहूर्त पर लगी रोक हट गई है। आज ही के दिन भगवान विष्णु चार माह की गहरी नींद से जागते है। भगवान के सोने और जागने को लेकर मान्यता है की आसाढ़ में हरि सैनी एकादशी के दिन भगवान गहरी नींद में सो जाते है।

वेद पुराण के अनुसार भगवान तड़का से युद्ध करते करते थक गए थे और थकान के कारण ही वह सो गए। चार माह बाद देव उठानी एकादशी के दिन वह जागते है। प्रभू के शयन के दौरान मांगलिक कार्य निषेध माना गया है।

आज से शुभ दिन शुरू हो गया है। चार महीने में 26 दिन शहनाइयां बजेंगी। इस दौरान कई लोग परिणय-सूत्र में बंधेंगे। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश कर जाने के कारण 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास लग जाएगा। इस दौरान मांगलिक कार्य पर पूरी तरह रोक रहेगी। 15 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त होगा।

1 मार्च से 8 मार्च तक होलाष्टक में शुभ मांगलिक कार्य बाधित रहता है। 14 मार्च को दिन 12 बजकर 41 मिनट से मीन मलमास शुरू हो जाएगा, जो पूरे एक माह तक रहेगा। इस दौरान भी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

फेरों का मुहूर्त

रात्रि लग्न : 18 नवंबर : सात रेखा, 15 जनवरी, 2012 : 8 रेखा, 16 जनवरी : 6 रेखा, 17 जनवरी : 5 रेखा, 18 जनवरी : 6 रेखा, 27 जनवरी : 6 रेखा, 28 जनवरी : छह रेखा, 29 जनवरी: पांच रेखा, 8 फरवरी : आठ रेखा, 10 फरवरी : दस रेखा, 9 मार्च : छह रेखा। दिवा लग्न : 19 नवंबर : सात रेखा, 11 फरवरी : 7 रेखा, 25 फरवरी : 8 रेखा, 10 मार्च : 6 रेखा। रात्रि व दिवा लग्न : 21 नवंबर : आठ रेखा, 22 नवंबर : आठ व नौ रेखा, 29 नवंबर : 7 रेखा, 30 नवंबर : 9 रेखा, 1 दिसंबर : 9 रेखा, 4 दिसंबर : 7 रेखा, 19 जनवरी : 7 रेखा, 30 जनवरी : पांच रेखा, 17 फरवरी : 7 रेखा, 24 फरवरी : 8 रेखा, 11 मार्च : 6 रेखा।

विराम भी

सूर्य के धनु राशि में प्रवेश पर 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक एक माह के लिए सावों पर रोक लग जाएगी। इसके बाद 1 मार्च से 8 मार्च तक होलाष्टक में शुभ मांगलिक कार्य बाधित रहेंगे। फिर 14 मार्च से मीन मलमास लगने से एक माह के लिए मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

लग्न और उसका प्रभाव

शादी में शुभ लग्न और ग्रह नक्षत्र का काफी महत्व है। जिन लड़के और लड़की की शादी होने वाली होती है, उनके अभिभावक, माता, पिता कुंडली, लग्न और ग्रह, नक्षत्र को लेकर काफी परेशान रहते हैं। पंडित रमेश चन्द्र त्रिपाठी के अनुसार शुभ लग्न में विवाह विशेष फलदायी होता है। हर लग्न का अलग प्रभाव पड़ता है। पंडित त्रिपाठी के मतानुसार मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या,तुला,वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ व मीन में कुछ में विवाह का शुभ मुहूर्त होता है, जबकि कुछ लग्न में विवाह अशुभ भी होता है।

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