नई दिल्ली. महात्मा गांधी की हत्या में हिंदू कट्टरवादियों का हाथ बताया जाता रहा है। लेकिन एक नई किताब के मुताबिक राष्ट्रपिता की हत्या के पीछे आरएसएस नहीं हिंदू महासभा का हाथ था। देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु से कहा था कि बापू की हत्या में आरएसएस की साजिश नहीं थी बल्कि यह हिंदू महासभा के कुछ लोगों का काम था जो संघ से भी कट्टर थे।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पटेल इस बात से काफी नाराज थे कि नेहरु उनके विभाग (गृह मंत्रालय) के कार्यों में दखल देते हैं। अखबार का दावा है कि यह खुलासा नेहरु और पटेल के बीच हुए पत्राचार से हुआ है। अखबार ने नेशनल बुक ट्रस्ट की उस किताब का हवाला दिया है जिसमें नेहरू और पटेल के बीच हुए पत्राचार को पहली बार प्रकाशित किया है।
कहा जाता है कि नेहरू और पटेल के बीच ज्यादा नहीं बनती थी। राष्ट्रपिता की 1948 में हुई हत्या के बाद सरदार पटेल संघ पर पाबंदी के मसले पर नेहरु के साथ थे वहीं पटेल का यह भी मानना था कि बापू की हत्या के पीछे आरएसएस की साजिश नहीं थी बल्कि इसमें हिंदू महासभा के एक धड़े का हाथ था। पटेल हिंदू महासभा को संघ से ज्यादा खतरनाक मानते थे।
किताब में नेहरु-पटेल के बीच हुए पत्राचार के अलावा गांधी और पटेल, गांधी और नेहरु के बीच हुए पत्राचार तथा आजादी के आंदोलन की चरम सीमा और आजादी के बाद के हालात का जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक पटेल ने नेहरु को कहा था, ‘मैं आपको इस बारे में सलाह देना चाहता हूं कि मेरे विभाग के काम में यदि आप सीधे दखल देते हैं तो यह मेरे और स्थानीय अधिकारियों के लिए शर्म की बात है।..
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 नवंबर 2011
महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस नहीं हिंदू महासभा का हाथ’
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अकेला जी आपको नया ब्लॉग शुरू करने पर हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंनरेन्द्र मोहन गौतम