शनि एक ऐसा नाम है जिसे पढ़ते-सुनते ही ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास रखने वाले लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनि की कुदृष्टि जिस पर पड़ जाए वह रातो-रात राजा से भिखारी हो जाता है और वहीं शनि की कृपा से भिखारी भी राजा के समान सुख प्राप्त करता है। यदि किसी व्यक्ति ने कोई बुरा कर्म किया है तो वह शनि के प्रकोप से नहीं बच सकता है। कई ऐसी घटनाएं हैं जहां शनि की कुदृष्टि पडऩे पर भारी संकट उत्पन्न हो गया।
ज्योतिष के अनुसार शनिदेव को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। इसी वजह से कुंडली में शनि की स्थिति अन्य ग्रहों की तुलना में काफी अधिक महत्व रखती है। शनिदेव को सूर्यपुत्र माना जाता है। इनका शरीर इंद्रनीलमणि के समान है। इनका रंग श्यामवर्ण माना जाता है। स्वर्णमुकुट एवं नीले वस्त्र धारण करने वाले शनि देव का वाहन कौआं है। शनिदेव की की चार भुजाएं बताई गई हैं। एक हाथ में धनुष, एक हाथ में बाण, एक हाथ में त्रिशूल और एक हाथ में वरमुद्रा सुशोभित है। शनिदेव का तेज करोड़ों सूर्य के समान अति तेजस्वी बताया गया हैं। शनि अपने भक्तों को सभी प्रकार के सुख देने सक्षम है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 नवंबर 2011
भिखारी को भी राजा बना दे, ऐसे हैं शनिदेव
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